रांची: झारखंड में वर्षों से फरार अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अधिकांश जिलों के एसपी लापरवाह हैं. सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह ने अपराधियों और नक्सलियों के खिलाफ लंबित वारंट की समीक्षा के बाद जो रिपोर्ट निकाली है, उसमें आधा दर्जन से अधिक जिलों में कार्रवाई को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर फरार वारंटी की गिरफ्तारी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन कई जिलों में एसपी फरार अपराधियों की गिरफ्तारी में रुचि नहीं दिखा रहे.
राजधानी में मात्र चार फीसदी गिरफ्तारी
राजधानी रांची में न्यायालय से फरार घोषित मात्र चार फीसदी अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है. जिसे एडीजी सीआईडी ने काफी निराशाजनक बताया है. एडीजी ने रांची एसएसपी को निर्देश दिया है कि वे खुद कैंप कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी का प्रयास करें.
एसपी की जिम्मेवारी, भेज रहे डीएसपी को
फरार वारंटी के खिलाफ समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महत्वपूर्ण मीटिंग की गई थी. लेकिन इस समीक्षा बैठक में गुमला के एसपी अश्वनी कुमार सिन्हा उपस्थित नहीं थे. उन्होंने डीएसपी स्तर के अधिकारी एडीजी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भेजा था.
गुमला में गिरफ्तारी की सफलता महज तीन प्रतिशत
गुमला में न्यायालय से मिले वारंट के बाद गिरफ्तारी की सफलता महज तीन प्रतिशत ही है. अब गुमला एसपी को निर्देश दिया गया है कि वो थाना वार टीम गठित कर फरार अपराधियों की गिरफ्तारी करें. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सरायकेला के एसपी भी शामिल नहीं हुए थे. वहां भी इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए थे. जूनियर अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होने को लेकर एसपी से कारण भी पूछा गया है.