रांची: झारखंड की आन बान शान कहा जाने वाला एचईसी के रिटायर्ड कर्मचारी आज अपने ही हक के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं. एचईसी में अपनी सेवा दे चुके सेवानिवृत्त कर्मचारी पिछले 24 सालों के एरियर के पैसे की मांग को लेकर लगातार प्रबंधन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक रिटायर्ड कर्मचारियों को बकाया पैसा प्रबंधन की तरफ से नहीं दिया गया है. अपने हक की मांग को लेकर एचईसी मुख्यालय के सामने सभी सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें हजारों सेवानिवृत्त कर्मचारी शामिल हुए.
24 सालों से नहीं हुआ एरियर का भुगतान
एचईसी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रबंधन और सरकार से एरियर भुगतान की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे स्थानीय नेता कैलाश यादव ने बताया कि साल 1997 से 2009 तक सभी कर्मचारियों के एरियर का भुगतान अभी तक बाकी है, लेकिन प्रबंधन इस को लेकर बेसुध पड़ा है. जबकि केंद्र सरकार इस मद में एचइसी को 750 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. इसके बावजूद भी एचइसी बुजुर्ग कर्मचारियों के बकाए पैसे देने में असंवेदनशीलता दिखा रहा है. एचईसी प्रबंधन ने सभी पैसे की बंदरबांट कर दी है.
बुजुर्ग रिटायर्ड कर्मचारियों को नहीं मिल रहा स्वास्थ लाभ
एचईसी मजदूर यूनियन के नेता भुवन सिंह ने कहा कि सिर्फ एरियर ही नहीं बल्कि हम सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य लाभ की भी सुविधा नहीं मिल पा रही है. विरोध प्रदर्शन करने के बाद प्रबंधन ने स्वास्थ्य लाभ देने का आश्वासन दिया है. इसके साथ ही याचिका समिति के निर्देश पर एरियर भुगतान की बात कही गई है. सेवानिवृत्त कर्मचारी सरयू प्रसाद अपना दर्द सुनाते हुए कहते हैं कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है. उन्हें छोटी-छोटी जांच के लिए भी निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, इसलिए बुढ़ापे में स्वास्थ्य लाभ और एरियर का भुगतान हम सभी के लिए बहुत जरूरी है.