रांचीः कोयले की कमी के कारण झारखंड सहित देशभर में बिजली की किल्लत से परेशानी बढ़ी हुई है. इन सबके बीच झारखंड में पर्याप्त बिजली आपूर्ति का दावा झारखंड विद्युत वितरण निगम की ओर से किया गया है.
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ऊर्जा संकट पर झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Jharkhand Bidyut Vitran Nigam Limited) के प्रबंध निदेशक केके वर्मा ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि झारखंड में पर्याप्त बिजली है और किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी. कोयला की कमी के कारण झारखंड सहित देशभर में बिजली की किल्लत से परेशानी बढ़ी हुई है. उन्होंने कहा कि त्योहार के समय में आई राष्ट्रव्यापी संकट के बीच झारखंड में बिजली आपूर्ति सामान्य रहेगी.
10 से 15 प्रतिशत आपूर्ति हो रही कम
डीवीसी (DVC) और एनटीपीसी (NTPC) से आपूर्ति सामान्य होने की बात कहते हुए केके वर्मा ने कहा कि मात्र 10 से 15 प्रतिशत बिजली कम मिल रही है. झारखंड बिजली वितरण निगम का प्रयास है कि कम से कम लोड शेडिंग हो और लोगों को त्योहार के समय कोई परेशानी ना हो. पूरे देश में बिजली की कम से कम खपत करने की अपील की जा रही है, झारखंड भी इससे अछूता नहीं है.
पिक ऑवर यानी शाम 06 से रात 10 बजे तक कम से कम एसी का प्रयोग हो इसकी कोशिश करनी होगी. उद्योग-धंधों में उपयोग होनेवाली बिजली का उपयोग कम से कम हो इसकी कोशिश होनी चाहिए. बिजली की सर्किट पर एक साथ घर का लोड एक साथ ना डालें. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि घबराने की जरुरत नहीं है, हम उपभोक्ताओं को अनवरत बिजली देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जरूर लोड शेडिंग है, जहां आनेवाले समय में24 घंटे बिजली देंगे.
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बिजली की निर्बाध आपूर्ति पर व्यापक असर
राष्ट्रव्यापी इस संकट से झारखंड भी जूझ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में 5 से 7 घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रह रही है. हालांकि राजधानी रांची के शहरी क्षेत्र में सोमवार को आपूर्ति करीब-करीब ठीक रही. राज्य में लगातार कई दिनों से सेंट्रल पूल से कम मिल रही पावर सप्लाई सोमवार को भी जारी रही. शनिवार को प्रतिदिन औसत बिजली खपत से करीब 400 मेगावाट कम बिजली मिली थी, जिसके कारण चिंता बढ़ गई थी.
आंकड़ों के अनुसार शनिवार को सेंट्रल पूल से 560-580 मेगावाट बिजली मिली, वहीं टीवीएनएल की एक यूनिट बंद होने से परेशानी बनी रही. 100 मेगावाट सिकिदरी हाइडल से भी बिजली उत्पादन बंद होने से विभागीय अधिकारियों की परेशानी बढ गई. बिजली की कमी को देखते हुए झारखंड बिजली वितरण निगम की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों लोड शेडिंग की जा रही है. शुक्रवार को भी राज्य में 1241 मेगावाट बिजली की डिमांड थी जबकि एसएलडीसी के पास सेंट्रल और स्टेट से कुल मिलाकर 1208 मेगावाट ही बिजली उपलब्ध थी.