रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि किसान आंदोलन के समर्थन में भारत बंद झारखंड में भी सफल रहा. झामुमो के तमाम कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से इस बंद को सफल बनाया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि संघ और राज्य के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है, जो लोकतंत्र के लिए घातक है.
किसान कानून के विरोध में मंगलवार को 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद का आह्वान किया गया था और इस बंदी के समर्थन में झारखंड के भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अधिकतर राजनीतिक पार्टियों की ओर से समर्थन मिला था. इसके समर्थन में झारखंड सरकार के मुख्य पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी सड़कों पर उतरे और इस बंद को सफल बनाने के लिए व्यापारी वर्ग यातायात से जुड़े लोगों से आग्रह भी किया गया था. हालांकि, शहर में इस बंदी का कोई खास असर नहीं दिखा, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में इस बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला.
इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर कहा कि झारखंड में यह भारत बंद पूरी तरह सफल रहा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता हर मोर्चे पर डटे दिखे. हालांकि, आम जनों को कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता लोकतांत्रिक तरीका से इस बंदी को सफल बनाने में जुटे रहे. इस दौरान सुप्रियो ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार मनमानी कर रही है और इस बिल को वापस अगर नहीं लेती है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा इसके खिलाफ आवाज बुलंद करेगी. वहीं, कुछ वर्षों से संघ और राज्य सरकारों के बीच लगातार दूरियां बढ़ती जा रही है और इसका सबसे बड़ा केंद्र में भारतीय जनता पार्टी का होना है. उन्होंने कहा कि बार-बार भारतीय जनता पार्टी के नेता कहते हैं कि जो आंदोलन में शामिल हो रहे हैं कोई भी किसान नहीं है. क्या ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता कार्यकर्ता और होंगे इस दौरान एक बार फिर भाजपा केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर हमला बोला है.
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सुप्रियो ने कहा जिस राज्य में कांग्रेस है. वहां की सरकार दो रुपिया केजी गोबर भी दे रही है, लेकिन बीजेपी राज्य में ऐसा नहीं है. इनके शासन में मंडिया बंद हो गई है. बिहार में नीतीश कुमार धान भी नहीं खरीद रही है, लेकिन झारखंड जल्द किसानों का धान खरीदेगी. तीनों पूर्व मुख्यमंत्री को बताना होगा कि संघ और राज्य की जो टकराव है वो क्योँ बढ़ता जा रहा है. अडानी और रिलायंस को कैसे प्रोटेक्ट किया जाये. इस पर केंद्र सरकार का अधिक ध्यान रहता है. जितने मेट्रो सर्विसेस चल रही है उसे भी बेचने की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है. मूलनिवासी और आदिवासी का मूल पेसा तो खेती ही है. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उलगुलान करने की बात कही है उसी का आज आगाज था. भाजपा में कोई किसान का बेटा है ही नहीं सभी लोग एलियन है. आज किसान का बेटा गलवान घाटी में भी खड़ा है. बॉर्डर पर कोई कॉरपोरेट का बेटा खड़ा नहीं है. पार्लियामेंट का लॉ एक अलग स्थान है. हम सांसदों का सम्मान करते है.