रांची: झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं का मामला उठाते हुए रघुवर सरकार पर निशाना साधा है. सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सचिवालय के लिए स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से जो फॉर्म निकाले गए हैं. उसकी फीस 1,000 रुपए रखी गई है, जबकि इतना फीस नहीं होना चाहिए.
सरकार को युवाओं की समस्या नहीं दिखती
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि रघुवर सरकार को राज्य के बेरोजगार युवाओं की समस्या नहीं दिखाई दे रही है. ऐसा लगता है कि उन्हें यहां के युवाओं की स्थिति का पता नहीं है. वहीं उन्होंने कहा है कि किसी भी कंपटीशन में बैठने के लिए जातिय और आवासीय प्रमाण पत्र मांगा जाता है. जिससे यहां के छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी होती है. ऐसे में उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि इन प्रमाण पत्रों की आवश्यकता को समाप्त किया जाए और जब कंपटीशन में सलेक्शन हो जाए उसके बाद इन प्रमाणपत्रों की मांग की जाए.
मॉब लिंचिंग के लिए रघुवर सरकार जिम्मेदार
वहीं, उन्होंने खूंटी में हुए मॉब लिंचिंग की घटना को लेकर सीधे तौर पर रघुवर सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ऐसी घटनाओं को शह दे रही है. अगर सरकार कठोर कदम उठाए तो मॉब लिंचिंग की घटनाएं नहीं होती. उन्होंने कहा कि देश में झारखंड मॉब लिंचिंग की घटना में सबसे आगे हैं और अगर सरकार अभी नहीं चेतती है तो यह समस्या बरकरार रहेगी.