रांची: राजधानी रांची में सब्जी मार्केट (ranchi vegetable market) का विवाद अंतहीन होता जा रहा है. महानगरों की तर्ज पर रांची में भी शहर के बीचोबीच राजभवन के पास सभी सुविधाओं से लैस आधुनिकतम सब्जी मार्केट बनाया जाना है. 28 दिसंबर 2017 को इसकी नींव रखी गई और 27 अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहरवासियों को तोहफा के रूप में इसे समर्पित कर दिया. लेकिन अत्याधुनिक सुविधा से लैस इस वेजिटेबल मार्केट का निर्माण कार्य शुरू होते ही विवाद शुरू हो गया जो अब तक जारी है.
रांची में सब्जी मार्केट (ranchi vegetable market) बनाने के लिए शुरू में प्रशासन को अतिक्रमित जमीन खाली कराने में एड़ी चोटी लगाना पड़ा. उसके बाद इसका निर्माण कार्य बेहद धीमी गति से चलता रहा. आखिरकार चार साल बाद निर्माण कार्य पूरा हुआ और 27 अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका उद्घाटन भी कर दिया. लेकिन लगभग दो महीने बीत जाने के बाद भी सड़क किनारे सब्जी और फल बेचने वाले दुकानदारों को दुकान आवंटित नहीं किया जा सका है.
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वेजिटेबल मार्केट में पार्किंग और फूड कोर्ट की भी है सुविधा
राजभवन के पास बने मॉडर्न सब्जी मार्केट में तीन फ्लोर हैं, जहां अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था है, वहीं पहले तल्ले पर सब्जी विक्रेताओं को स्टॉल उपलब्ध कराया गया है. दूसरे तल्ले पर फूड कोर्ट की भी व्यवस्था है ताकि अधिक से अधिक लोगों को फायदा मिल सके. कुल मिलाकर 350 सब्जी और फल विक्रेताओं को जगह दी जाएगी.
क्या है वजह विवाद
रांची वेजिटेबल मार्केट में दुकान आवंटन को लेकर नगर निगम ने प्रक्रिया शुरू कर रखी है. इसके तहत 2016 में सर्वे कराए गए स्ट्रीट वेंडर को दुकान आवंटित किया जाएगा. इस सर्वे में रांची के नागा बाबा खटाल सहित विभिन्न स्थानों पर सड़क किनारे सब्जी फल बेचने वाले के नामों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं. जिसके कारण इन्हें अयोग्य माना जा रहा है. इसके अलावा वेजिटेबल मार्केट में दुकान लगाने के लिए निर्धारित स्थान काफी छोटा है, जिसे लेकर स्ट्रीट वेंडर्स विरोध जता रहे हैं.
वहीं, निर्माण स्थल पर कभी दूध का व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों की बड़ी संख्या थी. उनके लिए वेजिटेबल मार्केट में कोई जगह नहीं दिए जाने से वे खासे नाराज हैं और वहां तालाबंदी की चेतावनी दे रहे हैं. स्थानीय वार्ड पार्षद सुनील कुमार यादव ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक दूध व्यवसायियों को दुकान आवंटित नहीं होगा तब तक वेजिटेबल मार्केट नहीं खोलने देंगे. वहीं, नेशनल हॉकर्स फेडरेशन के महासचिव शक्तिमान घोष ने भी नगर निगम से दुकानदारों को हो रही परेशानी को दूर करने की मांग करते हुए स्थान बेहद ही कम होने पर नाराजगी जताई है.
विवादों को सुलझाने में जुटे जनप्रतिनिधि और नगर निगम
इधर, विवाद बढ़ता देख नगर निगम और स्थानीय जनप्रतिनिधि इसे खत्म करने में लगे हैं. स्थानीय विधायक सीपी सिंह ने कहा है कि जो जगह बनाई गई हैं वही मिलेगा और जिन दुकानदारों के नाम में अशुद्धि है उसे दूर कर लिया जाएगा. नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने भी दुकानदारों से विवाद खड़ा नहीं करने की अपील करते हुए कहा है कि लॉटरी के जरिए दुकानों को आवंटन करने की प्रक्रिया में सभी भाग लें.उन्होंने कहा कि सबसे पहले 2016 में हुए सर्वे के आधार पर ही दुकान आवंटित होंगी. वेजिटेबल मार्केट बनाने के पीछे मकसद ना केवल खुले आसमान में सब्जी और फल बेचनेवाले की परेशानी को दूर करना है बल्कि शहर को भी व्यवस्थित रूप देना है.