रांचीः रांची विश्वविद्यालय (Ranchi University) का इतिहास काफी पुराना है. 61 वर्ष का सफर इस विश्वविद्यालय ने कई उतार-चढ़ाव को देखते हुए पार किया है. आज इस विश्वविद्यालय के पास हर वह सुविधा है, जो किसी शिक्षण संस्थान के पास होना चाहिए. विश्वविद्यालय ने शहीद चौक स्थित कैंपस (Shaheed Chowk Campus) में अपना 61वां स्थापना दिवस मनाया (celebrated its 61st foundation day). इस मौके पर कई शिक्षाविद और विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारी भी शामिल हुए.
इसे भी पढ़ें- एक क्लिक में जानिए रांची यूनिवर्सिटी(RU) से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण खबरें
राज्य का सबसे पुराना विश्वविद्यालय में शुमार रांची विश्वविद्यालय (Ranchi University) एक कदम बढ़ते हुए आज नया कीर्तिमान हासिल किया है. 22 पीजी विभाग और 14 अंगीभूत कॉलेज का सफलतापूर्वक संचालन इस विश्वविद्यालय की ओर से की जा रही है. साल 1960 में रांची विश्वविद्यालय शुरू हुआ, कभी एक बिल्डिंग में ही तमाम पठन-पाठन और विषयों की पढ़ाई होती थी. लेकिन आज बुनियादी और ढांचागत संसाधन के साथ-साथ विश्वविद्यालय में हर वह सुविधा मौजूद है, जिसकी जरूरत विद्यार्थियों को होती है.
निरंतर सफलता मिली
आरयू का 61वां स्थापना दिवस पीजी विभाग (PG Department) के अलावा 12 से अधिक वोकेशनल कोर्स (Vocational Course) की पढ़ाई भी फिलहाल हो रही है. निरंतर सफलता की सीढ़ियां विश्वविद्यालय चढ़ रही है. इसी कड़ी में सोमवार को रांची विश्वविद्यालय ने अपना 61वां स्थापना दिवस मनाया (Ranchi University celebrated its 61st foundation day). स्थापना दिवस के अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारियों के साथ साथ कई शिक्षाविद और गणमान्य भी शामिल हुए. इस दौरान पूर्व कुलपति रमेश कुमार पांडे (Former Vice Chancellor Ramesh Kumar Pandey) को सम्मानित भी किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के अधिकारी सिद्धार्थ त्रिपाठी और अतिथि के रूप में मेयर आशा लकड़ा भी शामिल हुईं. पूर्व कुलपति रमेश कुमार पांडे सम्मानित
झारखंड के सभी कॉलेज थे आरयू से संबद्ध
शुरुआती दौर में झारखंड के सभी कॉलेज रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत आते थे. वर्तमान में विश्वविद्यालय में एक लाख से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं. मास कम्युनिकेशन (Mass Communication) से लेकर लीगल स्टडीज सेंटर की बात हो या मैनेजमेंट की पढ़ाई तमाम विषयों की पढ़ाई इस विश्वविद्यालय में फिलहाल होती है. स्थापना काल से 1972 तक रांची विश्वविद्यालय के शहीद चौक स्थित कैंपस में ही पढ़ाई होती थी. इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में रांची विश्वविद्यालय आगे बढ़ता गया और वर्तमान में इस विश्वविद्यालय के पास तमाम विभागों के अलावा कई वोकेशनल सब्जेक्ट का भवन भी बनकर तैयार कर दिया गया.