रांची: ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष मोइज अख्तर ने वाहन मालिकों के साथ बैठक की. इस दौरान जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दिनों खान और भूतत्व विभाग के जारी आदेश में बालू का परिवहन ट्रैक्टर से किए जाने का निर्णय लिया गया है, जिससे कि ट्रक मालिकों को सीधा नुकसान हो रहा है.
जानकारी देते ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष 'सरकार का जनविरोधी फैसला'मोइज अख्तर ने कहा कि सरकार का यह फैसला बिल्कुल ही जनविरोधी है. रांची में बालू का परिवहन वर्षों से डंपर, हाइवा और अन्य बड़ी गाड़ियों से होता रहा है. क्योंकि बड़ी गाड़ियों से बालू के परिवहन से आम जनता को कम कीमत पर बालू उपलब्ध हो जाता है. लेकिन राज्य सरकार की ओर से लिए गए निर्णय जिसमें बालू का परिवहन ट्रैक्टर से करने का फैसला लिया गया है, वह बिल्कुल ही जनविरोधी है.
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बढ़ जाएंगे दाम
बता दें कि बालू का भंडारण ग्रामीण क्षेत्रों में नदी के किनारे होता है. ऐसे में रांची शहर से बालू भंडारण की दूरी 80 से 90 किलोमीटर की होती है और 90 किलोमीटर यदि ट्रैक्टर से बालू लाया जाता है, तो निश्चित रूप से उस पर अधिक खर्च होते हैं. जिससे कि बालू के दाम में सीधा बढ़ोतरी होता है.
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आदेश वापस लेने की मांग
रांची जिला बालू ट्रक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दीपक ओझा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पिछले 3 महीने से सभी गाड़ियां खड़ी थी. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद जब गाड़ियां चलनी शुरू हुई तो सरकार ने इस तरह का जनविरोधी आदेश निकालकर बालू ट्रक मालिकों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. सरकार के इस आदेश से सिर्फ ट्रक मालिक ही नहीं बल्कि मजदूर तबके के लोग जो रोज कमाते और खाते हैं वह भी भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे. रांची जिला के बालू ट्रक एसोसिएशन ने सरकार को पत्र के माध्यम से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है, नहीं तो आने वाले समय में पूरे राज्य में बालू ट्रक वाहन मालिक आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.