रांचीःझारखंड में नशे के सौदागर और फेक करेंसी का धंधा करने वाले साथ मिल कर काम कर रहे है. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि फेक करेंसी का जमकर उपयोग ड्रग्स तस्कर कर रहे हैं. फेक करेंसी कहां से आ रहा है इसका लिंक रांची पुलिस तलाश रही है.
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झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जाती है. अफीम माफिया भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर और नक्सलियों की सहायता से बड़े पैमाने पर अफीम की खेती करते हैं. हालांकि अफीम तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई भी हो रही है. लेकिन अब पुलिस के सामने एक नई चुनौती सामने आ गई है. यह चुनौती है फेक करेंसी. फेक करेंसी के जरिए देश को आर्थिक चोट भी दे रहे हैं. रांची पुलिस की जांच में यह बात चला है कि बड़े पैमाने पर ड्रग्स तस्कर झारखंड में फेक करेंसी फैला रहे हैं.
30 जून को रांची के रातू इलाके से एंटी क्राइम चेकिंग अभियान के दौरान एक युवक को गिरफ्तार किया गया था, जिसके पास से पांच लाख तीन हजार फेक करेंसी बरामद हुआ था. गिरफ्तार युवक के पास से 500 रुपये के नोट मिले थे, जो सभी नकली थे. गिरफ्तार तस्कर चतरा निवासी मो. सोहराब ने पूछताछ में यह खुलासा किया था कि फेक करेंसी का प्रयोग अफीम की खरीदारी में करते है. पूछताछ में यह बात भी सामने आई थी कि यह पहली बार नहीं है. इससे पहले कई बार फेक करेंसी के जरिये अफीम की खरीदारी की है. इससे साफ है कि रांची में बड़े पैमाने पर फेक करेंसी का कारोबार चल रहा है.
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि जिस फेक करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स तस्कर करते है, उसकी छपाई झारखंड के चतरा में हो रही है. इस मामले में रांची पुलिस को चतरा के रहने वाले मो सद्दाम उर्फ गोल्डन और फुजैल की तलाश है. रांची के ग्रामीण एसपी ने बताया कि फेक करेंसी गिरोह का सरगना चतरा का रहने वाला है. उन्होंने कहा कि गिरोह के सरगना अपने सहयोगियों की मदद से फेक करेंसी से अफीम और अन्य नशीली पदार्थ की खरीदारी करवाता है. ग्रामीण एसपी ने बताया कि पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है और शीघ्र ही आरोपी की गिरफ्तरी की जायेगी.
रांची पुलिस के लिए एक और चिंता की बात यह है कि कई बार पंजाब और उत्तर प्रदेश के तस्करों का लिंक झारखंड से मिला है. झारखंड में उगाई जाने वाली अफीम का सबसे बड़ा बाजार पंजाब और उत्तर प्रदेश है. पंजाब और उत्तर प्रदेश के तस्कर अफीम की खेती के लिए पैसों का इंतजाम करते हैं, ताकि झारखंड में अफीम की खेती की जा सके. पुलिस को यह भी शंका है कि फेक करेंसी का यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय भी हो सकता है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है.