रांची: नगर आयुक्त मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) ने रांची नगर निगम परिषद से स्वीकृति लिए बिना ही झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल अधिभार और जल संयोजन नियमावली-2020 को लागू कर दिया है. मेयर आशा लकड़ा (Asha Lakra) ने नगर आयुक्त के इस निर्णय पर आपत्ति जताई है.
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मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि 27 और 30 सितंबर को रांची नगर निगम परिषद की बैठक में नगर आयुक्त की ओर से शामिल किए गए इस प्रस्ताव का सभी पार्षदों ने विरोध किया था. उसके बाद भी नगर आयुक्त ने बिना अनुमति इस प्रस्ताव को परिषद की बैठक में लाया. उन्होंने सवाल उठाया है कि परिषद की सहमति के बिना नगर आयुक्त किसके आदेश से राज्य सरकार के अधिसूचना को लागू करने की बात कर रहे हैं.
मेयर कार्यालय को भेजी गई अधिसूचना लागू करने से संबंधित पत्र
आशा लकड़ा ने कहा है कि मंगलवार को नगर आयुक्त ने राज्य सरकार के इस अधिसूचना को लागू करने से संबंधित पत्र की पत्रलिपि भेजी है. जिस पर उन्होंने 22 सितंबर 2021 को हस्ताक्षर किया है और 24 सितंबर 2020 को इस अधिसूचना को जारी किया गया है. जारी पत्र का प्रति 4 अक्टूबर को मेयर कार्यालय को भेजी गई है. नगर आयुक्त के पत्र से यह प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने परिषद की बैठक से पहले ही राज्य सरकार के इस अधिसूचना को लागू करने का निर्णय ले लिया था.
नगर आयुक्त पर मनमानी करने का आरोप
मेयर ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र से संबंधित किसी भी अधिसूचना या प्रस्ताव को परिषद की बैठक में लाने का प्रावधान है और परिषद की बैठक में संबंधित अधिसूचना या प्रस्ताव को पारित करने के बाद ही उसे लागू किया जा सकता है. लेकिन नगर आयुक्त झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 में निहित प्रावधानों को दरकिनार कर अपना फरमान जारी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त ने संबंधित पत्र की पत्रलिपि मेसर्स श्री पब्लिकेशन एंड स्टेशनर्स प्राइवेट लिमिटेड समेत जलापूर्ति शाखा के सभी सहायक, कनीय अभियंता, नगर प्रबंधक, सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता, अधीक्षण अभियंता, सहायक नगर आयुक्त और उप नगर आयुक्त को भी भेजा है.
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जनता को देना होगा पहले की तुलना में 3 रुपये अधिक
नगर आयुक्त के इस आदेश से अब शहरवासियों को नए दर से वाटर यूजर चार्ज और वाटर कनेक्शन चार्ज का भुगतान करना होगा. खासकर आवासीय परिसर में वाटर कनेक्शन लेने वालों को 7 हजार रुपये और जल कर के तहत 9 रुपये प्रति लीटर की दर से भुगतान करना होगा. इससे शहर की आम जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ेगा. शहर की आम जनता को पहले की तुलना में 3 रुपये प्रति लीटर की दर से अतिरिक्त भुगतान करना होगा.