रांचीः पहले से ही रांची नगर आयुक्त और मेयर आशा लकड़ा के बीच तनातनी जारी है. नगर विकास विभाग की ओर से मेयर के अधिकार और कर्तव्यों को लेकर महाधिवक्ता का मंतव्य मांगने का मुद्दा और गरमा गया है.
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इसको लेकर शुक्रवार को निगम कार्यालय में रांची की मेयर आशा लकड़ा ने हजारीबाग की मेयर रोशनी तिर्की, खूंटी नगर पंचायत अध्यक्ष अर्जुन पाहन, चतरा नगर परिषद अध्यक्ष गुंजा देवी और रामगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष योगेश बेदिया के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के विरोध में संघर्ष का एलान कर दिया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बड़ी जनप्रतिनिधि हूं मैं- आशा लकड़ा
एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई भी तंत्र संविधान और झारखंड नगरपालिका अधिनियम के मूल भावना को नहीं बदल सकता. जहां तक जनप्रतिनिधि की बात है तो वह मुख्यमंत्री से बड़ा जनप्रतिनिधि है क्योंकि वह अपने विधानसभा क्षेत्र के बामुश्किल 3 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि वह 12 लाख लोगों का निर्वाचित प्रतिनिधि हूं.
महाधिवक्ता का मंतव्य झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 के खिलाफ
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि झारखंड के महाधिवक्ता का मंतव्य उनका अपना विचार हो सकता है. महाधिवक्ता के मंतव्य को लोकतंत्र और नगर निकाय को मिले संवैधानिक अधिकार का हत्या करार देते हुए मेयर ने कहा कि महत्व अधिनियम के आलोक में दिया जाता है ना कि उसके खिलाफ.
महाधिवक्ता के दिए गए मंतव्य इस प्रकार हैं...
- नगरपालिका अधिनियम के मुताबिक नगर निकायों में आयोजित होने वाली पार्षदों की बैठक बुलाने का अधिकार केवल नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी और विशेष पदाधिकारी को है.
- नगरपालिका अधिनियम के अनुसार पार्षदों के साथ बुलाई गई किसी भी बैठक के लिए एजेंडा तैयार करने का अधिकार भी नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी को ही है.
- बैठक के एजेंडा और कार्रवाई में मेयर और अध्यक्ष की कोई भूमिका नहीं है.
- आपातकालीन कार्य को छोड़ किसी भी परीस्थिति में मेयर और अध्यक्ष को अधिकार नहीं है कि वो एजेंडा में कोई बदलाव लाएं.
- बैठक के बाद अध्यक्ष और मेयर को स्वतंत्र निर्णय का कोई अधिकार नहीं है. बैठक की कार्रवाई बहुमत के आधार पर तय होगी.
- मेयर और अध्यक्ष को ये अधिकार नहीं है कि वो किसी भी अधिकारी और कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करें.
- मेयर और अध्यक्ष को यह अधिकार नहीं है कि वो किसी भी विभाग या कोषांग के द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करें.
- किसी भी बैठक में अगर मेयर उपस्थित नहीं हैं तो डिप्टी मेयर कार्रवाई पर हस्ताक्षर करेंगे. अगर दोनों अनुपस्थित हैं तो पार्षदों द्वारा चयनित प्रोजाइडिंग ऑफिसर हस्ताक्षर करेंगे.