रांची: इंडिया-न्यूजीलैंड टी20 मैच19 नवंबर को JSCA स्टेडियम में खेला जाना है. अभी तक के शेड्यूल के अनुसार भारतीय क्रिकेट टीम और न्यूजीलैंड की टीम 18 नवंबर को रांची पहुंच जाएगी और दोनों टीमें रांची से अगले डेस्टिनेशन के लिए 20 नवंबर को प्रस्थान करेगी. ऐसे में कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाएगा.
रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार के अनुसार जब तक टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के खिलाड़ी रांची में रहेंगे तब तक बिना कोविड जांच के होटल में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश की इजाजत नहीं होगी. होटल के बाहर स्वास्थ्य विभाग की टीम संसाधनों से लैस रहेगी ताकि कोरोना सैंपल लेने में कोई परेशानी न हो. RT PCR जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द मिले इसके लिए मोबाइल RT PCR वैन की मदद ली जाएगी.
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रांची सिविल सर्जन के अनुसार मैच वाले दिन स्टेडियम के बाहर स्वास्थ्य और कोरोना जांच की क्या व्यवस्था होगी. इसकी तैयारी जिला प्रशासन से निर्देश मिलने के बाद की जाएगी. उन्होंने कहा कि टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के लिए विशेष रूप से लगाए होटल स्टाफ का क्वारंटाइन के दौरान ही दो बार RT PCR टेस्ट कराया जाएगा.
होटल का पूल और जिम दोनों सिर्फ खिलाड़ियों के लिए
होटल रेडिसन ब्लू के एसोसिएट डायरेक्टर (सेल) देवेश कुमार ने बताया कि क्रिकेट खिलाड़ियों का ज्यादा वक्त होटल में खुद के फिटनेस के लिए जिम में या पूल में बीतता है, ऐसे में होटल के जिम और पूल को सिर्फ खिलाड़ियों के लिए आइसोलेट कर दिया जाएगा, वहीं बायो बबल प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन कराया जाएगा.
क्या होता है BIO बबल प्रोटोकॉल
कोरोना काल में खिलाड़ियों को किसी भी संक्रमण से बचाने के लिए बायो बबल कांसेप्ट आया है. इसके तहत जहां क्रिकेट के खिलाड़ी और दोनों टीमों के अन्य सदस्य ठहरेंगे उस पूरे जगह को ही आइसोलेट कर दिया जाता है. यानि न तो कोई बाहरी व्यक्ति उस क्षेत्र में प्रवेश करेगा और न ही कोई खिलाड़ी उस विशेष एरिया से बाहर आ सकेंगे. ऐसा करने के लिए खिलाड़ियों के लिए बनाए गए बायो बबल एरिया का प्रवेश और निकास द्वार से लेकर लिफ्ट तक सब अलग और आइसोलेट होता है.