रांची: कांके लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में सभी 11 आरोपियों को अदालत ने दोषी ठहराया है. प्रधान आयुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए मामले में सभी आरोपियों को आईपीसी 376d,120b और 366, 323, 411, 379 में दोषी करार दिया है.
दो मार्च को फैसला
सजा के बिंदु पर दो मार्च को अदालत अपना फैसला सुनाएगी. मामले में कुल 12 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. जिनमें एक आरोपी को नाबालिग घोषित कर दिया गया है. बाकी 11 आरोपियों पर फैसला सुनाया गया. सुनवाई के दौरान सभी 11 आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए अदालत में उपस्थित रहे.
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इन धाराओं पर सजा
आईपीसी की धारा 376d यानी दुष्कर्म, 366 किडनैपिंग, 323 मारपीट 120 साजिश और आईपीसी की धारा 411 यानी चोरी का सामान बरामद करने के तहत सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया है. प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने दोपहर के तकरीबन 3:15 में सभी आरोपियों को दोषी करार दिया.
कड़ी से कड़ी सजा की मांग
जिन धाराओं के तहत अभियुक्तों को दोषी पाया गया है उन धाराओं में सभी दोषी को अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. वहीं न्यूनतम 20 साल की सश्रम कारावास की सजा हो सकती है. बार काउंसिल के अधिवक्ताओं ने सभी आरोपियों को अधिकतम से अधिकतम सजा देने की मांग की है, ताकि जिस तरह से समाज में दुष्कर्म जैसी घटना सामने आ रही है, इन घटनाओं में लगाम लगे और समाज में एक मैसेज जाए.
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31 दिसंबर 2019 को चार्जशीट दाखिल किया गया था
बता दें कि मामले पर स्पीडी ट्रायल के माध्यम से प्रधान न्याययुक्त नवनीत कुमार की कोर्ट में डे-टू-डे सुनवाई चली और 3 महीने के भीतर ही सभी आरोपियों को दोषी ठहराया गया है. 31 दिसंबर को सभी आरोपियों के खिलाफ 309 पन्ने का चार्जशीट अदालत में दाखिल किया गया था. मामले में घटना से जुड़े कई साक्ष्य अदालत में पेश किए गए. जिनमें एफएसएल टीम की रिपोर्ट, डीएनए टेस्ट, मोबाइल लोकेशन, सीसीटीवी, तमाम साक्ष्य के मद्देनजर अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया है.
26 नवंबर 2019 की वारदात
दरअसल, कांके की लॉ कॉलेज की छात्रा बीते 26 नवंबर की शाम कांके के रिंग रोड संग्रामपुर बस स्टैंड के पास अपने दोस्त के साथ बैठी हुई थी. उसी दौरान कार और बाइक से पहुंचे अपराधी जबरन छात्रा को अगवा कर संग्रामपुर स्थित एक ईंट भट्ठे ले गए थे. जहां 12 आरोपियों ने मिलकर छात्रा के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म कर घटना को अंजाम दिया था. दूसरे दिन छात्रा की शिकायत पर कांके थाना में 12 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
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29 नवंबर को जेल भेज 2019 को जेल भेजा गया था
वहीं, पुलिस ने मामले पर तत्परता दिखाते हुए सभी 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर 29 नवंबर को जेल भेज दिया था. मामले पर हाई कोर्ट ने स्वता संज्ञान लिया था. जिसके परिणाम स्वरूप महज 92 दिन में पीड़ित को न्याय मिला है. 11 आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया. जिनमें कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा और ऋषि उरांव शामिल है.