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राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे: चिकित्सकों ने कोरोना काल को किया याद, कहा- इसलिए करता रहा इलाज कि कहीं मानवता का अपराधी न बन जाऊं

एक जुलाई को पूरे देश में राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. डॉक्टर्स डे पर रांची के डॉक्टरों ने कोरोना काल को याद किया. इस दौरान कई डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज करते हुए अपनी जान न्योछावर कर दिए.

Ranchi doctors remember corona period
Ranchi doctors remember corona period

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Published : Jul 1, 2022, 7:08 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 7:39 PM IST

रांची:देश भर में 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. रांची में भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष कार्यक्रम आयोजित कर कोरोनाकाल में बेहतरीन सेवा देने वाले डॉक्टरों को सम्मानित किया गया. कोरोना काल में रांची के डॉक्टर विनोद कुमार सिंह सहित झारखंड के 36 से अधिक डॉक्टर लोगों का इलाज करते हुए जान न्योछावर कर दिया. वहीं कई ऐसे भी डॉक्टर रहे जो कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए इतने गंभीर रूप से संक्रमित हुए की उन्हें महीनों आईसीयू और वेंटीलेटर पर रहना पड़ा.

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झारखंड में कोरोना संक्रमण का पहला केस मार्च 2020 में सामने आया. मलेशियन महिला कोरोना संक्रमित पाई गई थी. तब कोरोना का खौफ इतना था कि अस्पताल के लोग भी सहमे हुए थे. ऐसे में तब्लीगी जमात के साथ आई महिला का इलाज करने के लिए आगे आए रिम्स के डॉक्टर देवेश उन दिनों को याद कर आज भी सिहर जाते हैं. उन्होंने उन दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्हें आज के दिन यह गर्व होता है कि उन्होंने झारखंड में कोरोना के पहले मरीज का इलाज किया. उन्होंने कहा कि हर डॉक्टर को और सरकार को भी कोरोना जैसी महामारी के लिए हमेशा तैयार रहना है इसकी सीख इस महामारी ने दी है.

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वहीं कोरोना मरीजों का इलाज करते दो बार संक्रमित होने वाले डॉक्टर सीबी सहाय ने तो इसपर कविता भी लिख दी. 'डर तो मुझे भी था....डर तो मुझे भी था कि कहीं कोरोना न हो जाएं!
लेकिन बिना डरे, मैं मरीजों का इलाज इसलिए करता रहा कि कहीं मैं मानवता का अपराधी न बन जाऊं'. झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव और रांची में चिकित्सक डॉ विमलेश सिंह के जिम्मे कोरोना के दौरान सबसे बड़ी जिम्मेदारी सैंपल टेस्ट की थी. मरीजों के सैम्पल कलेक्शन और टेस्ट के लिए लीडर की तरह घंटों काम करते करते खुद संक्रमित होने वाले डॉ बिमलेश सिंह कहते हैं कि उन्होंने यह मान लिया था कि हम डॉक्टर वाले प्रोफेशन में सेवा और समर्पण को केंद्र में रखकर आते हैं. उन्होंने झासा के प्रदेश महासचिव होने के नाते अपने उन साथियों को भी याद किया जो आज इस दुनिया मे नहीं हैं.


वहीं, राज्य में आयुष निदेशक डॉ फजलुस समी कहते हैं कि कोरोना ने हमें सबक दिया है कि मिलकर और एक दूसरे का साथ देकर ही हम विकट समय से बाहर निकल सकते हैं. कोरोनाकाल में कम संसाधनों के बीच भी मेडिकल सेक्टर के सभी विंग, प्रशासन, निजी अस्पताल और सभी के सहयोग से राज्य में पीड़ादायक हालात बनने से पहले ही कोरोना की सबसे खतरनाक दूसरी को काबू में पा लिया गया.

Last Updated : Jul 1, 2022, 7:39 PM IST

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