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रांची हिरासत में मौत मामलाः पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार, लीपापोती का भी प्रयास

रांची हिरासत में मौत मामले (dhaneshwar mahato death case) में लीपापोती शुरू कर दी गई है. परिवार वाले मौत के बाद जो आरोप लगा रहे थे. दर्ज बयान में उसका जिक्र ही नहीं है. बताया जा रहा है कि परिजनों पर दबाव है.

Ranchi custodial death case questions on investigation raised
रांची हिरासत में मौत मामला

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Published : Aug 22, 2021, 9:17 AM IST

रांचीः शराब कारोबारी बताकर उत्पाद विभाग की टीम की ओर से गिरफ्तार किए गए धनेश्वर मेहता की हिरासत में मौत (dhaneshwar mahato death case )मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है. शनिवार को रिम्स में उसके शव का पोस्टमार्टम कराया गया. मजिस्ट्रेट निलिमा शशि डुंगडुंग की देखरेख में हुए मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया. प्रशासन की ओर से इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी की गई.

पूरे मामले में सदर थाने की टीम द्वारा धनेश्वर के परिवार वालों का बयान भी दर्ज किया गया. लेकिन इसमें लीपापोती की जाने लगी है, आरोपी की मौत के बाद परिजन मारपीट के कारण मौत होने की बात कह रहे थे. लेकिन दर्ज किए गए बयान में इसका जिक्र नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि परिजनों पर पुलिस का दबाव है. फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.

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शव परिजनों को सौंपा गया

पोस्टमार्टम के बाद धनेश्वर के शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. जिसे लेकर परिजन सड़क मार्ग से शाम को हजारीबाग के इचाक चले गए, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा. इससे पहले शुक्रवार को गिरफ्तार अवैध शराब कारोबार के आरोपी धनेश्वर मेहता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसकी जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने हंगामा किया था. परिजनों ने विभागीय टीम पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया था. धनेश्वर की मौत मामले को लेकर उत्पाद विभाग की पूरी टीम बैकफुट पर है उत्पाद विभाग की तरफ से पूरे मामले को किसी तरह से मैनेज करने का प्रयास किया जा रहा है.

गिरफ्तारी के वक्त ही बिगड़ गई थी तबीयत

सदर थाने की पुलिस ने धनेश्वर मेहता की मौत के मामले में शनिवार को उसके भतीजे सुंदर कुमार का बयान दर्ज किया. सुंदर ने पुलिस के सामने बयान दिया कि उनके चाचा धनेश्वर मेहता को बीते 19 अगस्त को सुबह उत्पाद विभाग की टीम ने मधुकम स्थित आवास के पास से गिरफ्तार किया था. उस वक्त चाचा ने टीम से तबीयत खराब होने की बात कही. साथ ही क्यों और कहां ले जाने की बात भी पूछी थी, मगर टीम में शामिल लोगों ने उन्हें कोई जवाब नहीं दिया.

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समय से नहीं कराया इलाजः परिजन

धनेश्वर मेहता के परिजनों ने बताया कि उसे उठाकर उत्पाद विभाग कार्यालय ले गए और हाजत में बंद कर दिया. पीछे से परिवार के लोग भी पहुंचे. तबीयत बिगड़ने की बात विभागीय अफसरों और कर्मचारियों को भी बताई. लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. इसी दौरान टीम उन्हें मजिस्ट्रेट के पास ले जाने लगी. इसी दौरान वे बेहोश होकर गिर गए. काफी देर तक उन्हें विभाग में ही रखा गया. इसके बाद उन्हें सदर अस्पताल और रिम्स ले जाया गया. वहां से उन्हें मेडिका अस्पताल भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

बेटे ने की मामले में न्यायिक जांच की मांग

मृतक के बड़े बेटे मनीष ने उत्पाद विभाग की टीम द्वारा पांच लीटर महुआ शराब बरामद होने की बात को बेबुनियाद और झूठा बताया है. मनीष ने कहा कि उत्पाद विभाग की कहानी मनगढ़ंत है. पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. साथ ही कहा कि मेडिका में इलाज का खर्च उत्पाद विभाग को देना चाहिए, क्योंकि धनेश्वर महतो उत्पाद विभाग की हिरासत में थे. जबकि अस्पताल का बिल करीब एक लाख रुपया स्वजनों को चुकाना पड़ा.

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