रांची: एक तरफ जहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो वहीं आइसोलेशन वार्ड की संख्या घट रही है. कई आइसोलेशन वार्ड फुल हो चुके हैं. ऐसे में रांची रेल मंडल के पास 60 कोच वाला 540 बेड से सुसज्जित एक आइसोलेशन वार्ड रेल मंडल में बनकर तैयार है. स्वास्थ्य विभाग और रेल मंडल के पदाधिकारियों के बीच सामंजस्य स्थापित कर आइसोलेशन बेड से तैयार ट्रेन को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के देखभाल के लिए उपयोग किया जा सकता है.
झारखंड में कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रहा है. यहां तक कि अब पॉजिटिव मरीजों के उपचार के लिए बनाए गए कोविड-19 सेंटर भी फुल हो चुका है. आंकड़े बताते हैं कि मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर भी अब मरीजों से भर चुके हैं. राजधानी रांची के रिम्स के अलावे सीसीएल अस्पताल का बेड भी फुल हो चुका है. हालांकि राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग अगर चाहे तो अभी भी इनके पास बेड की कमी नहीं होगी. रेलवे के पास है 540 बेड वाला आइसोलेशन ट्रेन
रांची रेल मंडल द्वारा काफी व्यवस्थित तरीके से हटिया रेलवे स्टेशन के पास रेलवे अस्पताल में 50 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. इस अस्पताल का उपयोग राज्य सरकार चाहे तो कर सकती है. इसके लिए रेलवे के अधिकारियों के साथ समन्यव स्थापित करना होगा. रांची रेल मंडल ने रेल मंत्रालय के निर्देश पर आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के सहयोग के उद्देश्य से 60 कोच वाला ट्रेन को ही आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है और इस ट्रेन में 540 अत्याधुनिक उपकरणों से लैस बैड तैयार किए गए हैं. लेकिन अब तक इसका उपयोग नहीं हो सका है.
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स्वास्थ्य विभाग को करना था, स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति
रेलवे की ओर से इस 60 कोच वाला आइसोलेशन ट्रेन में स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती करने को लेकर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से आग्रह किया गया था. रेल मंडल का कहना है कि निर्देशानुसार इस पूरे ट्रेन को राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा. इसके बदले में राज्य सरकार को ही चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती अपने स्तर पर इस आइसोलेशन ट्रेन को हैंडल करने को लेकर करनी होगी. इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा था कि राज्य सरकार के पास समुचित व्यवस्था है. अतिरिक्त स्टाफ मुहैया कराना संभव नहीं है और उसी दौरान यह योजना ठंडे बस्ते में चला गया.
लेकिन एक बार फिर इसकी जरूरत महसूस होने लगी है एक तरफ जहां राज्य सरकार द्वारा तैयार किए गए तमाम आइसोलेशन वार्ड और बेड फुल हो चुके हैं. ऐसे में एक सुसज्जित आइसोलेशन वार्ड बेकार पड़ा है. इस और रेलवे और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को बातचीत कर बीच का रास्ता निकालना होगा. इससे कोरोना से संक्रमित पॉजिटिव मरीजों को काफी फायदा मिलेगा.उनकी समुचित देखभाल यहां किया जा सकता है.