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नई नियुक्ति नियमावली: रघुवर दास का हेमंत सरकार पर हमला, कहा- नई नीति से झारखंड के मूल वासियों को होगा नुकसान - नई नियुक्ति नियमावली

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghuvar das) ने हेमंत सरकार (Hemant government) पर हमला बोला है. रघुवर दास ने नई नियुक्ति नियमावली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे झारखंड के आदिवासियों मूलवासियों को कोई फायदा नहीं होगा बल्कि इससे झारखंड के मूलवासियों का नुकसान होगा.

Raghuvar das attacked hemant government
Raghuvar das attacked hemant government

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Published : Aug 8, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Aug 8, 2021, 7:51 PM IST

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास (Raghuvar das) ने रविवार को बीजेपी स्टेट हेड क्वार्टर में गठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि झूठे वादे और नारों के आधार पर झामुमो-कांग्रेस ने सरकार बनाई है. उन्होंने युवाओं को बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए कि यह युवाओं की सरकार है और एक वर्ष में 5 लाख नौकरियां देंगे साथ ही खतियान के आधार पर स्थानीय नीति परिभाषित करेंगे. लेकिन सरकार ने अपने दोनों वादे पूरे नहीं किए हैं.

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रघुवर दास (Raghuvar das) ने कहा कि सरकार ने बेरोजगार युवाओं समेत पूरे झारखंडवासियों (people of jharkhand) को धोखा दिया है. उन्होंने ऐसी नीति बनाई कि कहीं से भी आकर झारखंड में 10वीं या 12वीं पास कर नौकरी पा सकते हैं. ऐसी असंवैधानिक नीति बनाई है कि जिसमें हर भाषा होगी लेकिन हिंदी नहीं रहेगी. ताकि नीति कानूनी उलझन में फंसी रहे और नियुक्तियां न हो सके. नियुक्ति हो भी तो नियुक्ति के व्यापार का रास्ता खुल सके. उन्होंने कहा कि नयी नियुक्ति नियमावली के माध्यम से झारखंड में बाहरी लोगों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है. नये प्रावधान के बाद देश के किसी भी हिस्से में रहने वाला व्यक्ति सिर्फ झारखंड से 10वी और 12वीं की परीक्षा पास कर यहां नौकरी प्राप्त कर सकता है.

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास

झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग एक उद्योग
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार झारखंड में ट्रांसफर-पोस्टिंग एक उद्योग बन गया है अब सरकार नियुक्तियों को भी उद्योग बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नयी नियुक्ति नियमावली यहां के जातिगत और भाषागत संरचना को नुकसान पहुंचाने की एक बड़ी साजिश रही है. उन्होंने कहा कि वे बांग्ला और ओडिया भाषा को शामिल करने का स्वागत करते हैं लेकिन राष्ट्र भाषा हिंदी की उपेक्षा बर्दाश्त करने योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि झारखंड के अधिकांश छात्र जनजातीय भाषा की बजाय हिन्दी भाषा में पढ़ते हैं. वर्तमान सरकार ने जानबूझकर हिन्दी को ही परीक्षा प्रक्रिया से बाहर कर दिया. ताकि यहां के छात्रों को नुकसान हो.

छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़
रघुवर दास ने कहा कि भाजपा सरकार ने 2016 में पहली से 10वीं तक की परीक्षा पास करने वालों को नौकरी का प्रावधान किया था. उसी प्रावधान का श्रेय यह सरकार ले रही है. जबकि उसमें सिर्फ 10वीं कि परीक्षा पास करने का प्रावधान कर यहां के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व कि भाजपा सरकार ने जेपीएससी और एसएससी की परीक्षा में स्थानीय भाषाओं को शामिल किया था. संथाली, मुंडा, हो, खड़िया, कुड़ुख, कुरमाली, खोरठा, नागपुरी, पंचपरगनिया और अन्य भाषाओं को शामिल किया गया था. रघुवर दास ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले डेढ़ साल में नियुक्ति तो नहीं ही की. आगे की नियुक्तियों को भी उलझाने की मंशा से नियुक्ति नियामवली में संशोधन किया गया है. वर्तमान सरकार ने छठी जेपीएससी के माध्यम से गलत नियुक्ति की साथ ही हाईकोई के आदेश का पालन भी नहीं कर रही है. जिसमें दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी थी.

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नई नियुक्ति नियामवली से नुकसान
बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि वर्तमान सरकार राज्य की सामाजिक समरसता को बर्बाद करने पर तुली हुई है. नई नियुक्ति नियामवली से राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों को कोई फायदा नहीं होगा. बल्कि नयी नियुक्तियां लटक जायेंगी. झारखंड में इंटरमीडिएट तक क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई नहीं होती है. किसी भी विषय में स्नातक की पढ़ाई कर कोई व्यक्ति नयी नीति का लाभ उठा सकता है. जिसका सीधा नुकसान आदिवासियों, मूलवासियों और झारखंडवासियों को होगा. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक साल में पांच लाख नौकरी देने का वादा हवा हवाई साबित हो गया है. उसी के बचने के लिए अब पूरे मामले को उलझाने का प्रयास चल रहा है. नयी नियुक्ति नियामवली पूरी तरह से असंवैधानिक है. जिसका असर भविष्य में होनेवाली नियुक्तियां पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अगर इसमें सरकार सुधार नहीं करती है तो भाजपा न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएगी.

Last Updated : Aug 8, 2021, 7:51 PM IST

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