रांची: मैनहर्ट मामले में एसीबी की तरफ से नोटिस भेजे जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी जवाबी हमला शुरू कर दिया है. उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि ईमानदारी का चोला ओढ़कर भ्रष्टाचार के नाले में डुबकी लगाने वाले का चेहरा जल्द बेनकाब हो जाएगा. वैसे शख्स को मुंह छुपाने की भी जगह नहीं मिलेगी. रघुवर दास का कहना है कि कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेंककर अपना गुजारा कर रहे हैं. 2005 से लेकर अब तक इस मामले में आरोपों के अलावा कुछ नहीं मिला. इस बीच कई सरकारें आईं और गईं.
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रघुवर दास का कहना है कि 2011 में हाई कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी को भुगतान किया गया था. उस समय अर्जुन मुंडा झारखंड के मुख्यमत्री और हेमंत सोरेन वित्त मंत्री थे. रघुवर दास का कहना है कि वह चाहते हैं कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच हो जानी चाहिए ताकि इस मामले को लेकर अपनी राजनीति चमकाने वाले को जवाब मिल जाए. निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए रघुवर दास ने आरोप लगाया है कि जिस कंपनी को निकम्मेपन के कारण हटाकर मैनहर्ट को काम दिया गया था, उसकी पैरोकारी कौन कर रहा था. इसमें उनका क्या लाभ था. उस कंपनी का दफ्तर किसके परिसर में था.
रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री साल 2005 में रांची में सिवरेज ड्रेनेज निर्माण के लिए मैनहर्ट कंपनी को परामर्शी बनाया गया था, तब रघुवर दास राज्य के नगर विकास मंत्री थे. रघुवर दास के सीएम बनने पर उनके कैबिनेट में मंत्री रहते हुए सरयू राय ने मैनहर्ट क परामर्शी बनाए जाने पर सवाल उठाया था. उन्होंने 31 जुलाई को एसीबी में आवेदन देकर जांच की मांग की थी.
झारखंड के चर्चित मैनहर्ट(Manhart) घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास(Raghubar Das) और शशिरंजन कुमार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है. एंटी करप्शन ब्यूरो की तरफ से गुरुवार को रघुवर दास और शशि रंजन कुमार दोनों को एक साथ नोटिस भेजा गया है.