रांची:झारखंड लोक सेवा आयोग एक बार फिर सवालों के घेरे में है. झारखंड के विश्वविद्यालयों में जनजातीय भाषाओं (Tribal Languages) में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न् खड़ा हो गया है. इस प्रक्रिया में एसटी अभ्यर्थियों के लिए पद नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं. एसटी के पद नहीं होने और अन्य श्रेणी में अधिक पद होने से भाषाओं में नियुक्ति के लिए योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने की बात कही जा रही है. इससे कई पद खाली रहने की संभावना जताई जा रही है.
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रोस्टर क्लीयरेंस में गड़बड़ी:अभ्यर्थियों ने कहा कि संथाली भाषा में 11 पदों के विरुद्ध 7 पदों पर नियुक्ति अब तक हो सकी है. जबकि 4 पद रिक्त रह गए हैं. सातों पद अनारक्षित श्रेणी के थे. ओबीसी के तीन और एससी के एक पद रिक्त रह गए. इसमें एसटी के लिए एक भी पद नहीं है. अभ्यर्थियों ने इसे विश्वविद्यालय की लापरवाही के साथ-साथ रोस्टर क्लीयरेंस में गड़बड़ी बताई है. अभ्यर्थियों ने कहा है कि मामले को लेकर राज्यपाल रमेश बैस से भी मुलाकात की जाएगी. वहीं मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की गई है.