रांचीः राजधानी में झारखंड आर्म्ड फोर्स के जवानों की दुर्गा पूजा अपने आप में अनोखी मानी जाती है. झारखंड में नक्सलियों से लोहा लेने और वीआईपी सुरक्षा की कमान संभालने वाले गोरखा जवान पूरे नवरात्र मां दुर्गा के भक्ति में डूबे रहते है. जैप वन में गोरखा जवानों ने नवरात्र के पहले दिन रविवार को पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना कर मां दुर्गा को फायरिंग कर सलामी दी गई.
शक्ति के उपासक हैं गोरखा जवान
झारखंड आर्म्ड पुलिस (जैप-वन) में नवरात्र के पहले दिन गुरुवार को पूरे विधि-विधान से कलश स्थापना की गई. इस मौके पर गोरखा जवानों ने बंदूकों से फायरिंग कर दुर्गा मां को सलामी दी. वहीं, महासप्तमी और नवमी के अवसर पर एक बार फिर फायरिंग कर मां को सलामी दी जाएगी. शक्ति के उपासक गोरखा जवानों ने बताया कि यहां नवरात्र पूजा का इतिहास काफी पुराना है. अंग्रेजों के जमाने से 1880 से ही यहां पर मां का दरबार सज रहा है.
गोला-बारूद और गोलियों की भी होती है पूजा
नवरात्र में यहां पिस्टल, यूबीजीएल, रॉकेट लॉन्चर, इंसास, एके-47, एसएलआर, मशीन गन, एलएमजी, मोर्टार, गोला-बारूद और गोलियों की भी पूजा की जाती है. गोरखा जवानों के अनुसार मां हमेशा उनकी रक्षा करती हैं, क्योंकि वह पूरे नवरात्र तन मन से मां की भक्ति में लीन रहते हैं. गोरखा जवानों के हथियारों की पूजा के पीछे ऐसी मान्यता रही है की गोरखा या नेपाली संस्कृति पुरातन समय से ही शक्ति के उपासक रहे है. ऐसे में बलि की प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है और अब इनकी संस्कृति का हिस्सा बन गई है. जवानों के मन में विश्वास है की शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से वे हर जगह जवानों की रक्षा करती है. इसलिए वे हर पूजा में मां दुर्गा को बलि अर्पित करते है और उनके सम्मान में गोलिया चालते है.