झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

झारखंड में मिनी लॉकडाउन पर क्या बोली जनता, जानिए पूरी खबर

झारखंड में कोरोना संक्रमण को देखते में मिनी लॉकडाउन की घोषणा की गई है. सरकार के इस घोषणा का सभी वर्गों ने समर्थन किया और कहा संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए ये फैसला सही है.

public-opinion-on-mini-lockdown-in-jharkhand
झारखंड में लॉकडाउन पर जनता की राय

By

Published : Jan 6, 2022, 4:21 PM IST

Updated : Jan 6, 2022, 6:36 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने मिनी लॉकडाउन की घोषणा की है. आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से रात 8:00 बजे के बाद शहर के सभी दुकानों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है. तो वहीं कुछ अन्य पाबंदी भी लगाई गई है. जिसका आम लोगों पर असर पड़ता है. लेकिन इसके बावजूद सभी वर्गों का मिनी लॉकडाउन को लेकर सरकार को समर्थन मिला है. सभी ने एक सुर से सरकार के इस कदम की सराहना की है.

ये भी पढ़ें- Omicron in Jharkhand: झारखंड में मिनी लॉकडाउन! स्कूल कॉलेज बंद, जानिए क्या-क्या खुले रहेंगे

क्या कहते हैं समाजसेवी

झारखंड में मिनी लॉकडाउन को लेकर समाजसेवी रणधीर रजक बताते हैं कि संक्रमण के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए पाबंदियां जरूरी है. लेकिन गरीब लोगों के जीवन का भी ख्याल रखना है. क्योंकि कई तरह की समस्याएं लॉक डाउन होने से उत्पन्न हो जाती है. वहीं शहर में व्यापार कर रहे व्यापारियों का कहना है कि निश्चित रूप से लॉकडाउन से सिर्फ गरीब लोगों को ही नहीं बल्कि व्यापारियों को भी नुकसान होता है. सड़क पर यदि लोग नहीं रहते हैं तो व्यवसाय पर इसका सीधा असर पड़ता है. लेकिन जिस प्रकार से सरकार ने देर शाम के बाद लॉकडाउन का निर्णय लिया है सराहनीय है. क्योंकि यदि अभी संज्ञान नहीं लिया जाएगा तो फिर आने वाले समय में संक्रमण और भी तेजी से फैलेगा.

देखें वीडियो

रेलवे स्टेशन पर कुली भी खुश
सरकार के फैसले का कुली का काम कर रहे मजदूरों ने भी समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि भगवान से हम यही दुआ करते हैं कि आंशिक लॉकडाउन से ही संक्रमण पर नियंत्रण पा लिया जाए. ताकि पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत ना हो क्योंकि जैसे ही पूर्ण लॉकडाउन होता है हम गरीबों के लिए आफत हो जाती है. उनका कहना है अभी तो हमें प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है लेकिन लॉक डाउन होने से हम बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हो जाते है.

मिनी लॉकडाउन पर रिक्शा वालों की राय
वहीं रिक्शा चालक रामदेव उरांव बताते हैं कि जो लोग रोज कमाने खाने वाले हैं उन्हें अत्यधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. क्योंकि रिक्शा चलाने से जो भी दो पैसे आते हैं उसी से अपना और अपने परिवार का गुजारा करते हैं. बड़े लोग तो अपने जमा पैसे से कुछ दिन खा लेते हैं. लेकिन गरीब लोगों के लिए रोज कमाना ही उनका खाना है.

छोटे दुकानदारों ने भी किया समर्थन
अपर बाजार में अपना छोटा दुकान लगाकर चना बेच रहे करण कुमार बताते हैं कि लोग यदि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखें तो पूर्ण लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं होगी और गरीब लोगों को समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन यदि लोग लापरवाही बरतते रहेंगे तो मजबूरी में पूर्ण लॉक डाउन करना पड़ेगा और इसका सीधा असर राज्य के गरीब वर्ग के लोगों पर पड़ेगा.

Last Updated : Jan 6, 2022, 6:36 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details