रांची: शाहीनबाग की तर्ज पर रांची के हज हाउस के सामने धरने पर बैठी महिलाओं ने सरकार से मिले आश्वासन के बाद अपने धरने को समाप्त करने का निर्णय ले लिया है. दरअसल कोरोना वायरस के खौफ को देखते हुए राज्य सरकार का संदेश लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य गुरुवार को धरना स्थल पर पहुंचे.
धरने पर बैठी महिलाओं से बात करते जेएमएम केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य जहां उन्होंने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद मैं यहां पहुंचा हूं और आप लोगों से अपील करता हूं कि जल्द ही सरकार आपकी मांगों को मानेगी और सदन में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बिल लाने का काम करेगी. इसके बाद महिलाओं ने राज्य सरकार के मंत्री आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख और रामेश्वर उरांव से उनके आवास पर मुलाकात की.
ये भी पढ़ें-कोरोना इफेक्टः झारखंड पुलिस के सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर लगा ब्रेक
जहां उन्हें आश्वासन दिया गया कि एक सप्ताह के अंदर सरकार एनआरसी, एनपीआर और सीएए के विरोध में सदन में बिल पारित करने का काम करेगी. साथ ही साथ मंत्री आलमगीर आलम ने महिलाओं से अनुरोध किया कि कोरोना वायरस को देखते हुए फिलहाल इस धरने को समाप्त कर दिया जाए, ताकि वायरस के प्रकोप से झारखंड को बचाया जा सके.
शाहीनबाग धरना का करेंगी समर्थन
मंत्री से मिले आश्वासन और राष्ट्रहित को देखते हुए धरने पर बैठी महिलाओं के द्वारा देर रात निर्णय लिया गया कि फिलहाल कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए वह अपने धरने को छोटा कर समाप्त करने का काम करेंगी, लेकिन जब तक दिल्ली के शाहीनबाग में धरना जारी है तब तक रांची के हजहाउस के सामने भी शाहीन बाग की महिलाओं को समर्थन करने के लिए कुछ महिलाएं अपना सांकेतिक प्रदर्शन को जारी रखेंगी.
आपको बता दें कि एनआरसी, एनपीआर और सीएए को लेकर रांची के हजहाउस के सामने पिछले 60 दिनों से भारी संख्या में महिलाएं शाहीनबाग की तर्ज पर विरोध प्रदर्शन कर रही थीं.