रांची: देश के पावर प्लांटों में बिजली उत्पादन में आई गिरावट का असर झारखंड में भी देखने को मिल रहा है. झारखंड सरकार के एकमात्र पावर प्लांट टीवीएनएल में भी कोयले की कमी होना शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक टीवीएनएल के पास 420 हजार टन कोयला स्टॉक होना चाहिए इसकी तुलना में मात्र 80 हजार टन ही कोयला है.
बिजली उत्पादन में कमी ने सरकार की बढ़ाई चिंता, जनता की परेशानी पर विपक्ष उठा रहा सवाल - minister alamgir alam
एक तरफ गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी हुई है. वहीं दूसरी ओर पावर प्लांटों में कोयला की कमी ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ दी है. अब तो सरकार भी मानने लगी है कि बिजली की कमी झारखंड को झेलनी पड़ रही है.
इसके अलावे झारखंड में संचालित डीवीसी के पावर प्लांटों में जरूरी स्टॉक से अधिक कोयला है. डीवीसी के बोकारो टीपीएस में 206 हजार टन कोयले का स्टॉक है जबकि स्टॉक 151 हजार टन होना चाहिए. चंदपुरा पावर प्लांट में भी 162 हजार टन कोयले का स्टॉक होना चाहिए इसकी तुलना में करीब 135 हजार टन कोयले का स्टॉक है. वहीं कोडरमा स्थित डीवीसी के पावर प्लांट में 330 हजार टन कोयला का स्टॉक होना चाहिए, इसकी तुलना में 152.7 टन कोयला है .
इधर राज्य में लगातार बिजली की हो रही किल्लत पर बीजेपी विधायक और पूर्व स्पीकर सी पी सिंह ने सरकार को इसके लिए दोषी मानते हुए कहा है कि गर्मी बढ़ने के बाद डिमांड भी बिजली का बढ़ना स्वाभाविक है. लेकिन इससे पहले भी तो लगातार बिजली की किल्लत राज्यवासी झेलते आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से सेंट्रल पूल से बिजली अधिक से अधिक खरीदने की सलाह देते हुए कहा कि कोयला की कमी का बहाना बनाकर राज्य की जनता को दिगभ्रमित नहीं करें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की महज एक दो यूनिट हैं जो बिजली उत्पादित करता है बांकी तो सेंट्रल और निजी कंपनियों से ही खरीदी जाती रही है.