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रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान से ग्राउंड रिपोर्ट, समस्याओं से जनप्रतिनिधियों को कराया रूबरू

राजधानी के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान की चर्चा दूसरे राज्यों में की जाती है, जिससे यहां के लोगों को काफी गर्व महसूस होता है. इसके बावजूद जब बात यहां के विकास के बारे में की जाती है तो विकास के नाम पर केवल आश्वासन दिया गया है, जिसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने लोगों से उनकी समस्याओं को जाना.

मोरहाबादी मैदान से ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : Oct 17, 2019, 1:15 PM IST

रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव काफी नजदीक है इसे लेकर रांची विधानसभा क्षेत्र में ईटीवी भारत ने मोरहाबादी मोहलले से ग्राउंड जीरो पर लोगों से समस्याओं को जाना. रांची विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले मोरहाबादी मोहल्ले की पड़ताल के दौरान हमारे संवाददाता ने आम लोगों की समस्याओं से अधिकारियों और नेताओं को रूबरू करवाया.

मोरहाबादी मैदान से ग्राउंड रिपोर्ट

लोगों ने गिनाई समस्या
रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान को देखकर मन में यह फक्र होता है कि राजधानी में भी एक ऐसा इलाका है जिसके बारे में लोग दूसरे शहरों के लोगों को बताने में गर्व महसूस करते हैं, लेकिन मोरहाबादी मैदान के खत्म होते ही मोरहाबादी मोहल्ले में रहने वाले आम लोग अपने समस्याओं की लिस्ट बताते नहीं थकते हैं.

मंत्री सीपी सिंह से नाराजगी
इस मोहल्ले की सबसे बड़ी समस्या सड़क है. सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि आए दिन लोग हादसों का शिकार होते रहते हैं. सड़कों की स्थिति को लेकर यहां के लोग अपने स्थानीय विधायक और वर्तमान में राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह से काफी नाराज हैं.

जर्जर सड़क है मुख्य समस्या
मोरहाबादी मैदान से सटा हुआ यह मोहल्ला पिछले 5 सालों से एक अदद सड़क के लिए तरस रहा है. इसके अलावा मोहल्ले में सबसे बड़ी समस्या सीवरेज ड्रेनेज के नाम पर सड़क पर बनाए गए गड्ढे आज तक भरे नहीं जाए इस वजह से भी इस मोहल्ले के लोग बेहद परेशान हैं.

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सालों से नहीं हुआ कोई विकास
इलाके में पानी बिजली और सफाई की व्यवस्था से सभी लोग संतुष्ट नहीं है. लोगों का साफ कहना है कि नगर निगम की गाड़ियां महीने में एक दो दफे ही आती है. लगभग 35 हजार की आबादी वाला यह मोहल्ला जनरल ओबीसी और अनुसूचित जाति की आबादी का मिश्रण है. कुछ आबादी अल्पसंख्यक समुदाय की है, लेकिन सभी एक स्वर में यही कहते हैं कि पिछले 5 सालों में मोरहाबादी मैदान से इतना नजदीक होने के बावजूद यहां का कोई विकास नहीं हुआ.

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