रांची: आज राष्ट्रपति द्रौपदी ने 'प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2:0' का शुभारंभ किया (Prime Minister TB Free India Campaign). अभियान का उद्देश्य टीबी से ग्रसित इलाजरत रोगियों के लिए सामुदायिक सहायता एवं सहभागिता सुनिश्चित करना है. सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे पोषण राशि (प्रतिमाह 500) के अतिरिक्त कोई भी जनप्रतिनिधि, कॉरपोरेट, गैर-सरकारी संस्थान या सामान्य नागरिक को प्रोत्साहित किया जाना है, जिससे कि वे किसी भी टीबी यूनिट के सभी रोगियों की सहायता का कम से कम एक वर्ष के लिए खर्च उठा ले.
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 का शुभारंभ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की शुरुआत - president draupadi murmu
राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू ने आज प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान 2.0 का शुभारंभ किया. (Prime Minister TB Free India Campaign). इस कार्यक्रम में झारखंड के चार जिलों के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी ऑनलाइन जुड़े.
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झारखंड के चार चयनित आयुष्मान भारत एवं वेलनेस केंद्र जिनमें अमाईनगर (सिंहभूम) तेतरी (बोकारो), कुन्दरी (पलामू) एवं गम्हरिया (गुमला) से भी जुड़ीं. इस कार्यक्रम में राज्य के राज्यपाल रमेश बैस, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, NHM के प्रबंध निदेशक डॉ भुवनेश प्रताप सिंह, स्टेट टीबी अफसर डॉ रंजीत प्रसाद सहित अन्य अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े.
झारखंड के स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ रंजीत प्रसाद ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्य में वर्तमान में 33 हजार से अधिक टीबी के मरीज हैं, इस वर्ष 2.5 लाख संदिग्धों की टीबी जांच हुई है, अच्छी बात यह है कि जांच बढ़ने पर भी कम टीबी के मरीज मिल रहे हैं, जो इस ओर इशारा करता है कि झारखंड भी टीबी मुक्त राज्य बनने की ओर बढ़ रहा है. डॉ रंजीत प्रसाद ने कहा कि राज्य में टीबी की सामान्य दवा के बेअसर हो जाने वाले मरीजों की संख्या 540 के करीब है और सभी को विशेष दवा दी जा रही है.