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बिरसा जीवन आयुष किट से कोरोना से निपटने की तैयारी, मिलेगी आयुर्वेद, होमियोपैथी और यूनानी दवा - Ayurveda, Homeopathy and Unani Medicine

एलोपैथिक कोरोना किट के बाद अब झारखंड में बिरसा जीवन आयुष किट (Birsa Jeevan Ayush Kit) से कोरोना से निपटने की तैयारी की जा रही है. प्रदेश सरकार की इस किट में आयुर्वेद, होमियोपैथी और यूनानी दवा की अलग-अलग किट होगी.

Preparations to deal with Corona through Birsa Jeevan Ayush Kit in Jharkhand
बिरसा जीवन आयुष किट

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Published : Jun 5, 2021, 2:00 PM IST

Updated : Jun 7, 2021, 7:43 PM IST

रांचीः कोरोना के इलाज में एलोपैथिक दवा की भूमिका और कई दवा के प्रयोग के बाद किसी खास दवा को लेकर कोरोना के इलाज में फायदे नुकसान की खबरों सुर्खियों में रहीं. इसके बीच बाबा रामदेव का कोरोनिल विवाद में रहा. कोरोनिल को झारखंड में बिक्री नहीं होने देने की बात करते हुए झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने यहां तक कहा था कि झारखंड के लोगों को रिसर्च की वस्तु नहीं बनने दिया जाएगा.

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झारखंड में कोरोना (corona) को मात देने के लिए आयुष चिकित्सा पद्धति अपनाने की तैयारी की जा रही है. जिसमें आयुर्वेद, होमियोपैथी और यूनानी दवाएं शामिल है. इसका किट तैयार करने की तैयारी चल रही है. पहले चरण में 80 हजार आयुर्वेद, 80 हजार होमियोपैथी और 40 हजार यूनानी यानि दो लाख बिरसा जीवन आयुष किट तैयार किए जाएंगे.

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जानिए किस-किस किट में कौन-कौन सी दवा होगी
आयुर्वेदिक बिरसा जीवन आयुष किट- जिसमें गिलोय, अश्वगंधा, आयुष64 और आयुष क्वाथ होगा.
होमियोपैथी बिरसा जीवन आयुष किट- इसमें 9 किस्म की दवाएं होंगी. जिसमे एकोनाइट, आर्सेनिक, बेलाडोना, ब्रायोनिया, युपैकटेरियम, फेरम फोस, जेल्सीमियम, पल्सटिला और रसटॅक्स होगा.
यूनानी बिरसा जीवन आयुष किट- इसमें यूनानी दवा खमीरा मरवारीद, जोशांदा, Laoo-Q-sapistan और हब-ए-मुबारक दवा होगी.

बिरसा आयुष जीवन कोरोना किट से कोरोना शब्द हटा दिया गया
कुछ दिन पहले इस किट का नाम बिरसा जीवन आयुष कोरोना किट था. पर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब इससे कोरोना शब्द हटा दिया गया है ताकि किसी तरह का विवाद ना हो.

आयुष किट की जानकारी

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क्या कहते हैं आयुष निदेशक
आयुष के निदेशक डॉ. श्रीचंद प्रसाद कहते हैं कि आयुष की दवाएं सर्व सुलभ है और ग्रामीण इलाके के लोग इससे परिचित हैं. इसलिए आयुष किट दिया जा रहा है, जिसमें गिलोय जैसा इम्यूनो बूस्टर भी शामिल है. राष्ट्रीय आयुष मिशन के झारखंड स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. फजलुस शमी कहते हैं कि हम पहले से जिस दालचीनी, सौंफ, मरीच का इस्तेमाल किचन में करते थे, आज वही इम्यूनो बूस्टर के रूप में इस्तेमाल हो रहा है. इसलिए शासन ने 2 लाख आयुष किट पहले चरण में लोगों तक पहुंचाने का फैसला किया है.

Last Updated : Jun 7, 2021, 7:43 PM IST

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