रांची: कोरोना के संक्रमण का खतरा कम होते ही अब देश के विभिन्न राज्यों में हाई स्कूलों के साथ प्राथमिक स्कूल भी खोलने की तैयारी की जा रही है. झारखंड में भी प्राथमिक स्कूलों को खोले जाने को लेकर राज्य सरकार तैयारी कर रही है. सरकार की तैयारी को देखते हुए छात्र संगठनों और विशेषज्ञों ने राज्य सरकार को कई सुझाव दिए हैं ताकि इस महामारी से छोटे बच्चे को सुरक्षित रखा जा सके.
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स्वास्थ्य बीमा कराने का सुझाव
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी कमी आई है. जिसको देखते हुए कई राज्यों में प्राथमिक विद्यालयों को खोलने की तैयारी की जा रही है, कोरोना संक्रमण को देखते हुए विशेषज्ञों ने अन्य देशों की तरह भारत में भी हर बच्चे के लिए 2 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराने का सुझाव दिया है. इस संबंध में केंद्रीय पैनल के रिपोर्ट सौंपने के बाद झारखंड के छात्र संगठनों और विशेषज्ञों ने भी राज्य सरकार से कोरोना वायरस के मद्देनजर स्कूली बच्चों के लिए 2 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराने की मांग की है.
स्वास्थ्य बीमा से कोरोना का डर होगा कम
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा करवा दिया जाए तो अभिभावकों के मन में कोरोना के प्रति समाया हुआ डर कम होगा और वो बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित होंगे. उनके मुताबिक कुछ देशों में ऐसा किया गया है और इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं.
स्कूलों में करना होगा बेहतर व्यवस्था
शिक्षा विशेषज्ञों ने प्राथमिक बच्चों के लिए स्कूल खोले जाने को लेकर व्यापक स्तर पर सरकार को तैयारी करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा बच्चों की वैक्सीन आने के बाद अगर स्कूल खोला जाए तो बेहतर होगा. उनके मुताबिक डेढ़ साल बंद रहने के कारण स्कूलों की स्थिति काफी खराब है ऐसे में साफ सफाई के तहत स्कूलों को खोलने की व्यवस्था करनी होगी.
कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन क्लास
झारखंड के शिक्षाविदों की ओर से राज्य सरकार को स्कूल ओपन करने को लेकर कई सुझाव भी दिए गए हैं. राज्य सरकार की ओर से प्लानिंग के तहत सीनियर बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज खोले गए हैं. झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों में फाइनल सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित की जा रही है तो इंटरमीडिएट और मैट्रिक में असफल विद्यार्थियों के लिए विशेष परीक्षा भी सितंबर महीने में झारखंड में ऑफलाइन तरीके से ही आयोजित होगी. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने विभिन्न जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों और नोडल अधिकारियों को सरकारी स्कूलों की व्यवस्था मुकम्मल करने का निर्देश भी दिया गया है ताकि सब कुछ सामान्य होने पर इन स्कूल खोले जा सके.