रांची: झारखंड पुलिस में दारोगा के पद पर सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के जरिए नियुक्ति की नियमावली समाप्त की जाएगी. शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में अहम फैसला लिया है. झारखंड पुलिस मुख्यालय के डीजी पीआरके नायडू ने पुलिस मुख्यालय के फैसले से गृह विभाग को अवगत कराया है.
उन्होंने इस संबंध में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को एक पत्र भी लिखा है. गौरतलब है कि झारखंड पुलिस में प्रमोशन से भरे जाने वाले 50% पदों में से 25% पद सीमित प्रतियोगिता परीक्षा, जबकि बाकी 25% पद विभागीय प्रोन्नति के जरिए भरे जाते थे.
क्यों लेना पड़ा सीमित प्रतियोगिता परीक्षा बंद करने का निर्णय
गरीबों को लिखे पत्र में डीजी हेड क्वार्टर ने लिखा है कि सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से 25% पदों को भरने के लिए साल 2017 में विज्ञापन निकला था. 1544 पदों के लिए पुलिस विभाग के साक्षर आरक्षी हवलदार और जमादार परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन खाली 1544 पदों पर महज 393 पुलिसकर्मी ही चयनित हुए. बाकी 1149 पद रिक्त रह गए थे. यह रिक्ति अब तक बरकरार है.
पुलिस के दोनों एसोसिएशन ने परीक्षा रोकने की मांग भी रखी थी. सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के जरिए प्रमोशन से भरे जाने वाले पदों को भरने की प्रक्रिया पर रोक की मांग पुलिस एसोसिएसन और पुलिस मेंस एसोसिएशन दोनों ही करती रही. दोनों एसोसिएशन की मौजूदगी में 15 फरवरी 2019 को मुख्य सचिव की मौजूदगी में बैठक हुई थी. तय किया गया था कि आगे सीमित प्रतियोगिता परीक्षा होगी या नहीं. यह फैसला एसोसिएशन की सहमति से लिया जाएगा, जिसके बाद सभी एसोसिएशन प्रतियोगिता परीक्षा खत्म करने की मांग पर सहमत हो गए.
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गृह विभाग को भेजे गए पत्र में यह भी जिक्र किया गया है कि झारखंड हाई कोर्ट ने पुलिस में विधि व्यवस्था और अनुसंधान विंग अलग करने का निर्देश दिया है. ऐसा करने के लिए झारखंड पुलिस में अधिक से अधिक संख्या में दरोगा स्तर के अधिकारियों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में जरूरत है कि प्रमोशन के जरिए भरे जाने वाले पदों को जल्द से जल्द भर लिया जाए, ताकि झारखंड पुलिस के दो विंग किए जा सके.