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रंग ला रही झारखंड पुलिस की मेहनत, कोरोना काल में शिक्षा से रोशन होगा गरीब बच्चों का जीवन

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Published : Aug 3, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 8:10 PM IST

झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) की मेहनत अब रंग ला रही है. दरअसल कोरोना काल में ऑनलाइन स्कूल (Online School) चल रहे हैं. ऐसे समय में गरीब बच्चों के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि वे बिना स्मार्ट फोन के क्लास कैसे करेंगे. इस समस्या को कम करने के लिए झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के डीजीपी नीरज सिन्हा (DGP Neeraj Sinha) ने एक बेहतरीन पहल की और पुलिस स्टेशन में उपकरण बैंक (Equipment Bank) खोलने का फैसला किया. डीजीपी नीरज सिन्हा के इस फैसले का असर अब दिखने लगा है.

Jharkhand Police Equipment Bank
Jharkhand Police Equipment Bank

रांची:झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) के डीजीपी नीरज सिन्हा की पहल पर हर जिले में खोले गए पुलिस उपकरण बैंक (Equipment Bank) गरीब बच्चों की पढ़ाई में मददगार साबित हो रहे हैं. उपकरण बैंकों से पुलिस के गरीब छात्रों को 500 से अधिक स्मार्टफोन (Smartphone) वितरित कर चुकी है. झारखंड पुलिस मुख्यालय (Jharkhand Police Headquarters) की रिपोर्ट के मुताबिक, अबतक राज्य के 432 थानों में उपकरण बैंक खुले हैं. 15 लैपटॉप और 23 कंप्यूटर भी थानों के उपकरण बैंक में जमा हैं. जबकि 998 स्मार्टफोन व 13 टैब थानों में हैं.

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सिमडेगा में सबसे अधिक गरीब छात्रों को मदद
गरीब छात्रों को स्मार्टफोन देने में सिमडेगा जिला अबतक अव्वल है. सिमडेगा में 38 स्मार्टफोन का वितरण किया जा चुका है. वहींं, खूंटी में 21, गोड्डा में 17, गुमला, रामगढ़ में 10-10, रांची में 23 स्मार्टफोन, बोकारो में 12, पलामू में फोन 8 वितरित किए गए हैं. गरीब छात्रों को उनके प्रधानाचार्य के माध्यम से स्मार्टफोन दिए जा रहे हैं. पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार लातेहार, जमशेदपुर, चाईबासा, सरायकेला, गढ़वा, हजारीबाग, लातेहार, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, धनबाद, देवघर, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज में अबतक एक भी स्मार्टफोन का वितरण नहीं हुआ है. पाकुड़, जामताड़ा, लातेहार, पलामू में पुलिस उपकरण बैंक में अबतक एक भी मोबाइल जमा नहीं हुआ है.

अमोल होमकर, आईजी अभियान



कॉरपोरेट जगत भी आया सामने
राज्य में उपकरण बैंक बनने के बाद गरीब छात्रों की मदद के लिए कॉरपोरेट जगत सामने आया है. कॉरपोरेट जगत की तरफ से अबतक कुल 23 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप और 20 कंप्यूटर जमा कराए गए हैं.

क्या है योजना
झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) कम्युनिटी पुलिसिंग (Community Policing) के तहत उपकरण बैंक खोले गए हैं. इस योजना के तहत आम लोग अपने घर में बेकार पड़े लैपटॉप, स्मार्टफोन या डेस्कटॉप को थाना या जिला स्तर पर बने उपकरण बैंक में दे रहे हैं. जहां से इसे गरीब और जरूरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है. झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा के अनुसार सभी काफी समय से वैश्विक महामारी कोविड और उससे उत्पन्न आपदा से जूझ रहे हैं. कोविड संबंधी प्रतिबंधो के कारण कई आवश्यक सेवाएं मजूबरन ऑनलाइन हो गई हैं. इनमे शैक्षणिक सेवाएं सबसे अहम हैं, जिनमें अधिकांश कक्षाएं एवं परीक्षाएं डिजिटल एवं ऑनलाइन हो गई हैं. चुकी ऐसी असमानताएं अपराध एवं उग्रवाद जैसी विकृतियों को भी बढ़ाती हैं. इसलिए डिजिटल असमानताओं के निराकरण के लिए प्रयास भी कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत किए जा रहे हैं. झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान अमोल होमकर ने भी आम लोगों से भी अपील की है कि वह उपकरण बैंक में अपने घर में बेकार पड़े स्मार्ट फोन और लैपटॉप जमा करें ताकि गरीब बच्चे उसके जरिए अपना भविष्य संवार सकें.

Last Updated : Aug 3, 2021, 8:10 PM IST

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