रांची: झारखंड के लोगों को निशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उनके मोहल्ले में ही मिल सके, सर्दी-खांसी, बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के लिए उन्हें बड़े अस्पतालों के चक्कर ना लगाना पड़े इसके लिए राज्य सरकार ने कोशिश की थी. रघुवर दास की सरकार ने दिल्ली की तर्ज पर 2019 में झारखंड में अटल मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की. तब रांची सहित 15 जिले में 25 अटल मोहल्ला क्लीनिक शुरू किया गया था. तब दावा किया गया था कि मरीजों को योग्य डॉक्टरों से इलाज कराने की सुविधा मिलेगी, दवा मुफ्त मिलेगी और कई तरह की जांच भी फ्री में होगी.
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रांची में ही अटल क्लीनिक का हाल बेहाल:2019 में झारखंड में 25 अटल मोहल्ला क्लिनिक की संख्या बाद में बढ़कर 100 के करीब हो गई लेकिन यहां की स्थिति नहीं बदली. हर दिन सुबह 08 बजे से दोपहर 12 बजे तक चलने वाली राजधानी रांची के ही 12 में से ज्यादातर अटल मोहल्ला क्लीनिक में जरूरी दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं. ईटीवी भारत ने जब अटल मोहल्ला क्लिनिकों की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की और खादगढ़ा बस स्टैंड के करीब के अटल मोहल्ला क्लीनिक पहुंचें तो वहां डॉक्टर और नर्से तो थी परंतु मरीज नहीं थे. पूछने पर ड्यूटी पर मौजूद नर्स प्रभा ने बताया कि मरीज कम आते हैं.
जब उनसे अटल मोहल्ला क्लिनिक में उपलब्ध दवाओं की सूची के बारे में बात की गई तो मामला चौकानें वाला सामने आया, सिस्टर प्रभा ने बताया कि सबसे सामान्य दवा पैरासिटामोल, खांसी के सिरप, ओआरएस का घोल बनाने वाला इलेक्टरल पाउडर, बीपी, दर्द की दवा और कुछ एंटीबायोटिक करीब दो महीने से उपलब्ध नहीं है. हैरत की बात यह है कि करीब दो महीने से दवा की मांग किए जाने के बावजूद दवाएं अटल मोहल्ला क्लिनिक को उपलब्ध नहीं कराई गई है. मधुमेह की जांच के लिए ग्लूकोमीटर तो है पर जिस स्ट्रिप के सहारे डायबिटीज की जांच होती है वह स्ट्रिप दो महीने से नहीं है. यानी जो इक्के दुक्के मरीज मोहल्ला क्लीनिक आते भी उनका न तो सही से पैथोलोजिकल जांच हो पाती है और न ही दवाएं निशुल्क मिल पाती हैं. यही वजह है कि धीरे धीरे लोगों ने भी अटल मोहल्ला क्लिनिक से मुंह मोड़ लिया है.
हर अटल मोहल्ला क्लीनिक पर औसतन एक लाख रुपये महीने का खर्च:राज्य में 100 के करीब अटल मोहल्ला क्लीनिक चल रहे हैं, रांची में ही 12 अटल मोहल्ला क्लीनिक चल रहे हैं, दो डॉक्टरों को दो-दो घंटे के लिए 700 रुपये प्रतिदिन, अटल मोहल्ला क्लिनिक की नर्स को 12000 महीना और दवा-टेस्ट से लेकर स्थापना के अन्य खर्च को जोड़ दे तो अमूमन प्रति मोहल्ला क्लिनिक पर एक लाख का खर्च सरकार कर रही है. लेकिन इसका लाभ आम जनता हो नहीं मिल रहा है. अटल मोहल्ला क्लीनिक जब 2019 में शुरू हुआ था तो दावा यह किया गया था कि मरीजों की सभी जांच फ्री की जाएगी. लेकिन यहां टेस्ट तो दूर दवा तक नहीं मिल पा रही है.
रांची में इन जगहों पर है अटल मोहल्ला क्लीनिक:रांची में कुल 12 अटल मोहल्ला क्लीनिक चल रहे हैं जो पंडरा, टीवी टावर, हटिया कल्याणपुर, सिरमटोली, जागो पहाड़, कर्बला चौक, बांधगाड़ी, लोअर वर्दमान, ब्रह्मटोली, हटिया गोंडा, कोकर तिरिल और खादगढ़ा.
ये सामान्य दवाएं भी उपलब्ध नहीं है अटल मोहल्ला क्लिनिक में:राजधानी के कई अटल मोहल्ला क्लीनिक में पैरासिटामोल,ऑफलॉक्सासिन, कफ सिरप, दर्द की दवा, यूरिक एसिड, इलेक्टरल पाउडर, ब्लड प्रेशर की दवा तक उपलब्ध नहीं है.
रांची के अटल मोहल्ला क्लीनिकों के नोडल अधिकारी डॉ शशिभूषण खलखो ने बताया कि ग्लूकोमीटर के स्ट्रिप और बीपी सुगर की दवा की मांग NCD से की गई है, अन्य जरूरी दवाएं भी जल्द अटल मोहल्ला क्लीनिक में उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था की जा रही है.