रांची:झारखंड कैडर की सीनियर आईएएस पूजा सिंघल पर ईडी का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. उनके खिलाफ ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग के कई साक्ष्य मिले हैं. सबसे बड़ा खेल बरियातू में निर्मित सुपर स्पेशलिटी पल्स हॉस्पिटल की आड़ में हुआ है. इस अस्पताल के एमडी पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा हैं. 6 मई को छापेमारी के दौरान गिरफ्तार पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार ने स्वीकार किया है कि उसके आवास से बरामद ज्यादातर रुपए पूजा सिंघल के थे. ईडी अब उन लोगों को दबोच ने की तैयारी में है जिन्होंने गलत तरीके से सुमन कुमार के घर में पैसे रखे थे.
ये भी पढ़ें:गुरुवार को भी पूरे दिन जारी रही ईडी की कार्रवाई, पूजा-अभिषेक और सुमन से हुई पूछताछ, बिल्डर के यहां भी रेड
सुमन कुमार ने ईडी को यह भी बताया है कि पूजा सिंघल के कहने पर उसने पल्स अस्पताल के लिए जमीन खरीदने के एवज में एक मशहूर बिल्डर को तीन करोड़ रुपए नगद दिए थे. ईडी की जांच में पता चला है कि पूजा सिंघल और उनके पति के स्वामित्व वाले पल्स अस्पताल की जमीन और बिल्डिंग की कीमत करीब 40 करोड़ रुपए है. इसके अलावा अस्पताल में लगे प्लांट एंड मशीनरी की कीमत करीब 30 करोड़ रुपए है. इसकी तुलना में अस्पताल का वैल्यूएशन बहुत कम दिखाया गया है.
लिहाजा, अस्पताल की आड़ में मनी लांड्रिंग हुई है. पल्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निर्माण में पूजा सिंघल की अहम भूमिका थी. इस दौरान भारी भरकम नकदी का इस्तेमाल होता था. इसी आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के सेक्शन 19(1)के तहत पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया है. सबसे खास बात इस अभियान के दौरान कई ऐसे दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं जो कई सफेदपोश के लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. दस्तावेजों को खंगाल कर ईडी उन सफेदपोशों तक पहुंचने की तैयारी कर रही है, जो इस पूरे प्रकरण में भागीदार रहे हैं.
पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के बूटी मोड़ स्थित सोनाली अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 102 103 और 104 के साथ-साथ बूटी मोड़ के हनुमान नगर स्थित मोनिका अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 402 और डांगरा टोली चौक स्थित ईस्टर्न मॉल के शॉप नंबर 605, 703 और 711A में छापेमारी में भारी-भरकम रुपए बरामद हुए. सुमन कुमार के सोनाली अपार्टमेंट से 17.49 करोड़ रुपए और ऑफिस से 29.70 लाख रुपए बरामद हुए.
इस केस की पृष्ठभूमि खूंटी में तैयार हुई थी. खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले से जुड़े कुछ आरोपियों ने स्वीकार किया है कि जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा खुले तौर पर पूजा सिंघल को रिश्वत देता था. एक आरोपी ने कहा है कि उसने चार बार जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा को रुपए की गड्डियों से भरा बैग पूजा सिंघल को देते हुए देखा है. सभी गड्डियां 500 के नोट की थी. विभाग से राशि निर्गत होने पर जूनियर इंजीनियर राम विनोद प्रसाद सिन्हा नगद निकाल कर उसी के मार्फत पूजा सिंघल के पास भिजवाता था. रुपयों से भरे बैग में ताला लगा रहता था, इसलिए उसे नहीं पता कि उसमें कितने पैसे होते थे. उसने यह भी कहा है कि विभाग से काम मिलने पर उसे 5% कमीशन देना पड़ता था.
रिश्वत के पैसे आईएएस पूजा सिंघल के आईसीआईसीआई अकाउंट में जमा किए गए थे. जिससे उन्होंने साल 2005 से 2013 के बीच एलआईसी की 13 पॉलिसी ली थी. उसके प्रीमियम के तौर पर 80.81 लाख रुपए दिए थे. फिर पूजा सिंघल ने सभी पॉलिसी को मैच्योर होने से पहले ही क्लोज कर 84.64 रुपए निकाल लिए थे. उस पैसे में से 26 मई 2005 को 3.96 लाख रुपए सीए सुमन कुमार के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद 6.39 लाख 28 मार्च 2016 को संतोष क्रशर मेटल वर्क्स और 21 सितंबर 2017 को राधेश्याम एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 6.22 लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए थे. दोनों कंपनियां सुमन कुमार की हैं. इस तरह से कुल 16.57 लाखों रुपए पूजा सिंघल के अकाउंट से सुमन कुमार के खाते में ट्रांसफर हुए थे.