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झारखंड विधानसभा के लिए मतदान संपन्न, पिछली बार से मतदान में एक प्रतिशत की गिरावट

झारखंड विधानसभा चुनाव के आज पांचवे और अंतिम चरण के मतदान के साथ सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई. अब आने वाले 23 दिसंबर को मतगणना होनी है. वहीं, पूरे चरण को लेकर राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने प्रेसवार्ता की और इस दौरान उन्होंने चुनाव से जुड़ी मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की.

polling ends peacefully in jharkhand
जानकारी देते विनय कुमार चौबे

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Published : Dec 20, 2019, 10:08 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा का पांचवें चरण में होने वाला चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण संपन्न हुआ. इस बाबत राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने कहा कि पांच चरणों में 65.23% मतदान रिकॉर्ड किया गया है. जबकि 2014 में 66.53% वोटिंग हुई थी.

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उन्होंने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस इसबार ओवर ऑल 1% कम वोटिंग रिकॉर्ड की गई. उन्होंने बताया कि इन पांच चरणों में सबसे कम मतदान रांची विधानसभा सीट के लिए हुआ जिसपर 49.04% मतदान हुआ. वहीं, दूसरी तरफ नाला विधानसभा इलाके में सबसे अधिक वोटिंग हुई. जिसमें 78.01% मतदान रिकॉर्ड किया गया.

जानकारी देते एम एल मीणा

पांच चरण में 1216 उम्मीदवार

निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि 5 चरणों में कुल 1216 उम्मीदवार मैदान में रहे, उनमें से 127 महिलाएं जबकि एक थर्ड जेंडर का कैंडिडेट था. उन्होंने बताया कि मतदान प्रक्रिया में 41,870 बैलट यूनिट 30,831 कंट्रोल यूनिट और 31,644 वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने बताया कि कुल 29,464 पोलिंग स्टेशन बनाए गए थे जिनमें 7716 सामान्य प्रकृति के थे.

पहली बार इस्तेमाल हुआ बूथ ऐप और पोस्टल बैलट

निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर झारखंड विधानसभा के दौरान पहली बार बूथ ऐप का इस्तेमाल 10 विधानसभा इलाके में किया गया. वहीं, दिव्यांग और 80 वर्ष से ऊपर के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा प्रदान की गई. उन्होंने बताया कि कुल दिव्यांग मतदाताओं में से 88.86% ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. विनय कुमार चौबे ने बताया कि बूथ ऐप के इस्तेमाल के अच्छे नतीजे सामने आए हैं और चुनाव आयोग इन्हें आगे भी उपयोग करने जा रहा है.

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पांच चरण में 14 लोगों की हुई मौत

वहीं, स्टेट पुलिस नोडल ऑफिसर एम एल मीणा ने बताया कि पांच चरण के चुनाव के दौरान 14 लोगों की जानें गई. जिनमें 10 सुरक्षाकर्मियों की मौत अलग-अलग बीमारियों की वजह से हुई. उनमें से चार आपसी फायरिंग के दौरान मारे गए. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया उन 14 के अलावा तीन मतदानकर्मियों की मौत भी अलग-अलग कारणों से चुनाव प्रक्रिया के दौरान हुई. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उन्हें संबंधित जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की तरफ से 15 लाख रुपये की राशि दी है.

2.27 लाख सुरक्षाबलों को किया गया तैनात

ऑफिसर मीणा ने बताया कि पांचों चरण को मिलाकर चुनाव के दौरान कुल 2, 27,629 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे. इस दौरान सबसे कम तीसरे चरण में 36,097 जबकि सबसे अधिक दूसरे चरण में 51,616 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.

उन्होंने बताया कि कुल 275 कंपनियां केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात किए गए थे. इसके अलावा जिला पुलिस से 45% बल भी लगाए गए थे. उन्होंने बताया कि इस दौरान 6915 गैर जमानती वारंट का तामिला हुआ और 117 आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले दर्ज किए गए. ऑफिसर मीणा ने बताया कि इस दौरान 73 हथियार बरामद किए गए, जिनमें एक एके-47, एक एसएलआर, दो इंसास समेत अन्य हथियार शामिल हैं. इसके साथ ही इस दौरान 1116 गोलियां जब्त की गई, जबकि 12 देसी बम बरामद किए गए.

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17 करोड़ से अधिक मूल्य की वस्तुएं की गई जब्त

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में अब तक की सबसे अधिक रिकवरी की गई. उन्होंने कहा कि करीब 17.12 करोड़ रुपए की कीमत की वस्तुएं नकद समेत बरामद की गई. यह पिछले विधानसभा चुनाव की जब्ती से 3 गुना ज्यादा है. उन्होंने बताया कि 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में 5 करोड़ 72 लाख कीमत की वस्तुएं और नकद बरामद किए गए थे, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 12 करोड़ कीमत की वस्तु नकद समेत बरामद की गई थी.

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