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सदन के बाहर जेपीएससी के मुद्दे पर सियासत, रिजल्ट में गड़बड़ी के लिए विपक्ष ने सरकार को ठहराया जिम्मेवार

झारखंड विधानसभा के बाहर जेपीएससी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने जहांं जेपीएससी चेयरमैन अमिताभ चौधरी को बर्खास्त करने की मांग की वहीं माले विधायक ने इसके लिए पूर्ववर्ती रघुवर सरकार की नीतियों को जिम्मेवार ठहराया है.

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झारखंड विधानसभा

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Published : Mar 14, 2022, 2:22 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र से पहले सदन के बाहर जेपीएससी का मुद्दा गर्म रहा सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी ने जेपीएससी के मुद्दे को लेकर अपने अपने तरीके से सरकार को घेरने की कोशिश की. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने एक दूसरे को जेपीएससी रिजल्ट में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

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अमिताभ चौधरी को बर्खास्त करने की मांग

जेपीएससी मामले पर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा जेपीएससी का चेयरमैन अमिताभ चौधरी को बर्खास्त कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. सभी गड़बड़ी के लिए अमिताभ चौधरी जिम्मेदार हैं इसलिए उनको जेल भेज देना चाहिए.

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गलत आदमी को बनाया गया चेयरमैन

आजसू के विधायक लंबोदर महतो ने भी अमिताभ चौधरी को जेपीएससी का चेयरमेन बनाने पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि सबसे दुर्भाग्य की बात है कि एक व्यक्ति जिसकी जेपीएससी से ही नौकरी होती है और उसके ऊपर सीबीआई जांच चल रही हो ऐसे व्यक्ति को जेपीएससी का चेयरमैन बना दिया गया है. ऐसे में सरकार को आगे आना चाहिए और तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को निर्णय लेना चाहिए. नहीं तो आगे जितने भी रिजल्ट आएंगे सभी हाई कोर्ट में जाएंगे. उन्होंने कहा सरकार ने जेपीएससी के सभी मामलों में सरकार ने हाई कोर्ट में जाकर घुटने टेकें हैं.

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कुछ हद तक हुआ समाधान
वहीं निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि कुछ हद तक समाधान हुआ है और यह तमाम चीजें न्यायालय के निर्णय के बाद हुआ है. तो ऐसे में जो लोग भी प्रभावित हुए हैं वह न्यायालय के पास ही जाएंगे तभी समाधान होगा या फिर सरकार सदन में बयान दे सकती है. वही माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार कि नियोजन नीति ही खराब थी और जब ये सरकार आयी है तब भी नियुक्तियां प्रारंभ नहीं हुई है. लड़के परेशान हो रहे हैं इसलिए नियुक्तियों के मामले में सभी सरकारों की नीतियां एक समान होनी चाहिए.

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