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झारखंड में 30 हजार के पार कोरोना संक्रमितों की संख्या, जांच रिपोर्ट में देरी पर शुरू हुई सियासत

झारखंड में कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार और सैंपलों की जांच में सुस्ती पर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने राज्य सरकार पर इस बीमारी से निपटने में असफल रहने का आरोप लगाया है.

politics on corona infection in jharkhand
रांची में कोरोना जांच पर सियासत

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Published : Jan 14, 2022, 5:21 PM IST

Updated : Jan 14, 2022, 6:36 PM IST

रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण भयावह स्तर पर पहुंच गया है. यहां एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 30 हजार के पार पहुंच गई है. ऐसी स्थिति में राज्य में जहां तेजी से कोरोना सैंपलों की जांच की आवश्यकता थी वहीं यहां इसकी रफ्तार काफी धीमी है. एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जैसे जगहों से ली जा रही सैंपलों की जांच रिपोर्ट आने में 3 से 5 दिन का समय लग रहा है. ऐस में यहां संक्रमण को काबू में लाने के तरीकों पर सियासत शुरू हो गई है.

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झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या:झारखंड में कोरोना संदिग्ध 50-60 हजार लोगों का सैंपल हर दिन जांच की जा रही है. जिसमें औसतन 4250 लोग संक्रमित मिल रहे है. राज्य में एक दिन में कोरोना जांच की क्षमता एक लाख 25 हजार के करीब है. ऐसे में अगर पूरी क्षमता के साथ अगर जांच हो तो संक्रमित की संख्या 08 हजार के करीब हर दिन होगी. जाहिर है कि जांच की कमी की वजह से राज्य में कोरोना के एक्टिव केस की वास्तविक तस्वीर अभी सामने नहीं है. जितने मामले अभी है उससे कहीं ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस राज्य में होने की संभावना है.

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झारखंड में संक्रमण की रफ्तार:अगर पिछले 6 दिन के आंकड़ों को देखें तो झारखंड में संक्रमण की रफ्तार कितनी है इसका अंदाजा हो जाएगा. आइएं आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं.

तारीख कोरोना टेस्ट पॉजिटिव केस
7 जनवरी 62 हजार 572 3825
8 जनवरी 72 हजार 742 5081
9 जनवरी 57 हजार 997 3444
10 जनवरी 70 हजार 688 4482
11 जनवरी 73 हजार 309 4719
12 जनवरी 81 हजार 608 4753

कोरोना संक्रमण पर सियासत:झारखंड में जहां कोरोना संक्रमण बेकाबू है. वहीं इस पर सियासत भी खूब हो रही है. बीजेपी के सचेतक बिरंची नारायण ने राज्य सरकार पर इस बीमारी को रोकने में असफल रहने का आरोप लगाया है. वह कहते हैं मरीजों का आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने में कई दिन लग रहे हैं. उन्होंने बताया कि बोकारो में जगह और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने के बावजूद सरकार और स्वास्थ्य विभाग आरटीपीसीआर जांच मशीन नहीं लगवा सकी है. एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों से लिये गए सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में तो चार से पांच दिन लग जाता है.वह भी तब जब रिम्स में कोबास मशीन लगा है. उन्होंने सदर अस्पताल में JITM नाम की निजी एजेंसी को कोरोना जांच की जवाबदेही सौंपने पर भी सवाल उठाया है.

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कंटेनमेंट जोन और ट्रेसिंग में गंभीरता नहीं:रांची सहित राज्यभर में कोरोना संक्रमण और एक्टिव केस की संख्या बढ़ी है. लेकिन पर उस हिसाब से कंटेनमेंट जोन नहीं बना है और न ही कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया जा रहा है. राज्य में एक संक्रमित के औसतन 06 लोगों के ही कांटेक्ट की ट्रेसिंग हो पा रही है. जबकि इसका मानक के मुताबिक एक संक्रमित के 25 से 30 लोगों के कांटेक्ट की ट्रेसिंग की जानी चाहिए.

जांच की गति तेज होने का दावा:तमाम सवालों के बाद भी टेस्टिंग के लिए जिम्मेदार रांची के नोडल अधिकारी कहते हैं कि जांच की गति तेज की गई है और संख्या भी बढ़ाया जा रहा है. बड़ी संख्या में सैंपल कलेक्शन वैन को काम में लगाया है. उन्होंने माना कि रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे से लिये गए सैंपल की रिपोर्ट में थोड़ा वक्त लग जा रहा है पर उसे भी लगातार कम किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 14, 2022, 6:36 PM IST

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