रांची:29 दिसंबर को हेमंत सरकार के दो साल पूरे होने जा रहे हैं. इस अवसर पर राजधानी रांची के एतिहासिक मोरहाबादी मैदान में सरकार ना केवल अपनी उपलब्धि गिनाएगी बल्कि कई योजनाओं की शुरुआत और परिसंपत्तियों का वितरण भी किया जाएगा.
मोरहाबादी मैदान में हेमंत सरकार के दो साल पर होने वाले कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी चल रही है. इस अवसर पर सरकार अपनी उपलब्धि गिनाएगी. जिसके तहत यूनिवर्सल पेंशन योजना, सरकार आपके द्वार, मॉब लिंचिंग कानून, स्थानीय को निजी कंपनियों में 75 फीसदी आरक्षण, झारखंड से मैट्रिक इंटर पास को ही ग्रेड थ्री की नौकरी पाने का अवसर जैसे कई मुद्दों को सरकार प्रमुखता से जनता के बीच ले जाएगी. वहीं, कोरोना काल में सरकार द्वारा मुहैया कराई गई स्वास्थ्य सुविधा के अलावा प्रवासी मजदूरों को लाने में सरकार के उठाये गए कदमों की भी चर्चा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संबोधन में होने की संभावना है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कृषि पाठशाला, झारखंड राज्य आवास बोर्ड का नया भवन, राज्य की जल परियोजना सहित कई योजनाओं की शुरुआत भी करने वाले हैं.
रामेश्वर उरांव और दीपक प्रकाश का बयान ये भी पढ़ें:हेमंत सरकार के दो साल, जानिए कितने पास कितने फेल
हेमंत सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर सियासत शुरू
हेमंत सरकार के दो साल पूरे होने में भले ही अभी कुछ दिन बाकी हों लेकिन इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. राज्य सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव सरकार के दो वर्ष को एतिहासिक बताते हुए उपलब्धि गिनाने से नहीं थक रहे हैं. रामेश्वर उरांव के अनुसार सरकार ने कोरोना में राहत बचाव के साथ प्रवासी मजदूरों के लिए काम किया वह एतिहासिक है. सरकार के चलाए जा रहे यूनिवर्सल पेंशन स्कीम को उन्होंने अनोखा बताते हुए सभी के लिए फायदेमंद बताया जा है.
रामेश्वर उरांव का कहना है कि मॉब लिचिंग के खिलाफ कानून और मनरेगा में मजदूरी बढ़ाकर सरकार सबको साथ लेकर चल रही है. वहीं, सरकार की उपलब्धि को खारिज करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने सरकार को सर्कस बताया है. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के बनाए झारखंड को हेमंत सरकार के दो साल में सिर्फ लूट हुई है. यह सरकार अपने कार्यकाल में लोगों को धर्म और भाषाई आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है. इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है और मॉब लिंचिंग में ऐसे प्रावधान रखे गए हैं जो एक समुदाय विशेष के लिए प्रतीत होता है. सरना धर्म के नाम पर राजनीति कर सरकार आदिवासियों को बरगला रही है.