रांची: केंद्र सरकार के द्वारा पेट्रोल-डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में कमी करने के बाद झारखंड में पेट्रोल डीजल की कीमत 100 रुपये से कम हो गई है. केंद्र के इस फैसले से जहां जनता को राहत मिली है वहीं राज्य में सियासी पारा गर्म हो गया है. कांग्रेस ने मोदी सरकार के इस फैसले को अपर्याप्त बताया और कहा कि जनता को भ्रम में रखने के लिए ये फैसला लिया गया. झारखंड कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछा है कि 60 दिनों में पेट्रोल के दाम में कितनी वृद्धि हुई और कितने रुपये कम किए गए.
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2 महीनों में 10 रुपये से ज्यादा की वृद्धि: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 2 महीनों में केंद्र ने पेट्रोल और डीजल की कीमत ₹10 प्रति लीटर से अधिक दाम बढ़ाए और अब जो राहत मिली है वह उससे भी कम है ऐसे में साफ है कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री जनता को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता ने बीजेपी के उस मांग का कोई जवाब नहीं दिया जिसमें राज्य सरकार से पेट्रोलियम पदार्थों में वैट कम करने की मांग की गई थी.
झारखंड सरकार भी कम करे दाम: कांग्रेस जहां केंद्र सरकार पर हमला कर रही है वहीं बीजेपी इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने में जुटी है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत कम कर महंगाई की मार झेल रहे आम जनता को बड़ी राहत दी है ऐसे में अब झारखंड सरकार का भी फर्ज बनता है कि वह बहानेबाजी छोड़कर पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले वैट को कम करें ताकि कीमत और कम हो तथा झारखंड वासियों को ज्यादा राहत मिले. प्रदीप सिन्हा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम करने की मांग को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन किया पर ऐसा लगता है कि राज्य की सरकार को झारखंड के जनता की कोई परवाह नहीं है अन्यथा देश और राज्य के फेडरल स्ट्रक्चर को देखते हुए राज्य की सरकार जरूर अपने स्तर से लगने वाले वैट को कम करती.