रांची: वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन को लेकर अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है. लगभग डेढ़ महीने से ऊपर बीत जाने के बाद लॉकडाउन अभी भी कंटिन्यू चल रहा है, जो 17 मई तक चलेगा. इसको लेकर राजनीतिक दलों के अंदर अलग-अलग विचार उत्पन्न हो रहे हैं. सरकार में शामिल दल जहां इसके लिए सरकार के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
वहीं, विपक्षी दल बीजेपी का मानना है कि कुछ चीजों के लिए लॉकडाउन में थोड़ी रियायत मिलनी चाहिए. इस बाबत कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन को लेकर सरकार को विचार करना चाहिए. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के संगठन प्रभारी रविंद्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन हटाने या फिर उसमें रियायत काफी सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए. ऐसी व्यवस्था हो कि सभी लोग सुरक्षित रहें.
उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि 10 दिन के लिए थोड़ी सी ढील मिले और फिर संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ जाए. लोगों को मुसीबत मोल लेनी पड़ जाए. इसलिए सरकार इस पर विचार करेगी और सोच समझकर निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर भी वह यही सोचते हैं कि जब तक लोग सुरक्षित न हो तब तक लॉकडाउन में छूट नहीं मिलनी चाहिए.
वहीं, बीजेपी का मानना है कि झारखंड में संक्रमितों की संख्या की बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार जिम्मेदार है. पार्टी के प्रदेश महामंत्री सुबोध सिंह गुड्डू ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को पहले लॉकडाउन का संदेश दिया, उसके बाद से झारखंड में सरकार को कड़ाई करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे बड़े कंटेनमेंट हिंदपीढ़ी में अभी भी स्थिति सही नहीं है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार राज्य में टोटल मरीजों की संख्या है उसमें 90% हिंदपीढ़ी से संबंधित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने सीआरपीएफ का डिप्लॉयमेंट किया, लेकिन उसे सिर्फ एंट्री पॉइंट पर ही लगाया गया है.
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