रांची: राज्य की धरोहरों में शामिल रांची के बिरसा मुंडा जेल परिसर में लगातार चोरी और अड्डाबाजी की शिकायतें मिल रहीं हैं. इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने टाइगर और पीसीआर जवानों को पुराने जेल की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी है.
बिरसा मुंडा जेल परिसर में अड्डेबाजी पर नकेल कसने का आदेश, चोरी पर प्रशासन सख्त - perching of anarchic people in jail complex
रांची के बिरसा मुंडा जेल परिसर में अड्डेबाजी और चोरी के मामले सामने आ रहे हैं. पुलिस प्रशासन ने इसकी नकेल कसने की तैयारी कर ली है.
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पीसीआर और टाइगर जवान कर रहे गश्त
सीनियर एसपी के आदेश के बाद पीसीआर और टाइगर जवान लगातार पुराने जेल परिसर की सुरक्षा को लेकर गश्त कर रहे हैं. खासकर शाम 6 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक जेल परिसर में अड्डाबाजी करने वाले लोगों को खदेड़ा जा रहा है. अड्डेबाजी करने वाले कुछ लोगों की पुलिस वालों ने पिटाई भी की है. रांची के सीनियर एसपी ने स्पष्ट आदेश दिया है कि किसी भी हाल में जेल परिसर के अंदर या बाहर अड्डेबाजी नहीं होनी चाहिए. अगर अड्डेबाजी करने वाले समझाने पर नहीं सुधरते हैं तो उन्हें जेल भेजा जाएगा.
क्या है पूरा मामला
हाल के दिनों में बिरसा मुंडा पुराना जेल परिसर में लगातार चोरी के मामले सामने आ रहे थे. शनिवार की देर रात चोर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के पास रखे 24 लाइट चुरा ले गए थे. इस संबंध में सिग्नल इंटरप्राइजेज के विकास कुमार सिंह ने लोअर बाजार थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इससे पहले भी पुराने जेल परिसर में दो बार चोरी की घटना हो चुकी थी. वहीं, आसपास के कुछ स्थानीय युवक हर दिन पुराने जेल परिसर में बैठकर शराब पीते हैं. जब तैनात गार्ड उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं तो वे उनके साथ मारपीट करते हैं. पुराने जेल परिसर के पार्क में नशा करने से रोकने पर 15 मई को स्थानीय युवक तैनात गार्ड से उलझ गए थे. उनके साथ जमकर मारपीट की थी. कंपनी के कार्यालय में तोड़-फोड़ भी की थी. इसके साथ ही जेसीबी का शीशा भी क्षतिग्रस्त कर दिया था. इस वारदात को अंजाम देने का आरोप सूरज कुमार नाम के युवक पर है, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात की थी. मामले में थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
जेल से भगवान बिरसा मुंडा की जुड़ी हुई हैं यादें
जानकारी के अनुसार इस जेल में भगवान बिरसा मुंडा ने अपने जीवन के आखिरी दिन काटे थे और 9 जून 1900 में उनकी मृत्यु हो गई थी. बिरसा मुंडा कारा को भगवान बिरसा की याद में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है. इस जेल में भगवान बिरसा मुंडा की कई यादें जुड़ी हुईं हैं, जिन यादों को अब सरकार की ओर से म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है. म्यूजियम में भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट की प्रतिमा के साथ-साथ उनसे जुड़ी सभी यादों को संजोया गया है. पूरे कैंपस में जहां-जहां खुली जगह है, उसे खूबसूरत गार्डन के तौर पर विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा यहां लाइट और साउंड की भी व्यवस्था की जा रही है ताकि इसके जरिये यहां पर आने वाले लोगों को जेल और भगवान बिरसा मुंडा के जीवन के बारे में बताया जा सके.