रांची: कोलकाता में 49 लाख रुपये के साथ कांग्रेस के तीन विधायक की गिरफ्तारी का मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया है. मिथिलेश कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर (PIL in Jharkhand High Court) कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. याचिका के माध्यम से बताया है कि कैश बरामदगी मामले से झारखंड की काफी बदनामी हो रही है, यह मामला झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल राज्यों से जुड़ा हुआ है. इसलिए यह साफ होनी चाहिए कि आखिर इसके पीछे क्या मामला है.
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कोलकाता में कांग्रेस के तीन विधायकों की गिरफ्तारी के बाद (Arrest of three Congress MLA in Kolkata) सत्ता पक्ष परेशानी की स्थिति में है. इसके बाद सत्ता पक्ष के कई विधायक छत्तीसगढ़ के एक होटल में करीब 2 सप्ताह रुके थे. उनका कहना था कि बीजेपी झारखंड में ऑपरेशन लोटस चला रही थी. इस विवाद के बाद ही हेमंत सरकार ने झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर विश्वासमत हासिल किया था. इसके बारे में कहा ये गया कि विश्वासमत का प्रस्ताव लाकर और उसे जीतकर, जनता में ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि केंद्र की भाजपा सरकार चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने की साजिश रच रही है और हेमंत सरकार जनता की सहानुभूति और बीजेपी के खिलाफ माहौल बना रही है. हालांकि झारखंड विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए भाजपा सदन से वॉकआउट कर गई थी.
झारखंड से कांग्रेस के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगारी सहित पांच लोगों को 30 जुलाई को हावड़ा जिले के पांचला से गिरफ्तार किया गया था. राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर उनकी गाड़ी से 49 लाख रुपये नकद बरामद होने के बाद पुलिस ने ये कार्रवाई की थी. अब सीआईडी मामले की जांच कर रही है. मामले में सीआईडी की टीम सिर्फ बंगाल ही नहीं, बल्कि दिल्ली, ओड़िशा, असम और झारखंड में भी जांच कर रही रही है.