रांची: 7वीं जेपीएससी परीक्षा परिणाम को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब इसी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई जिसमें पीटी परीक्षा में आरक्षण को लेकर सवाल उठाए गए हैं. कुमार संयम की ओर से दायर याचिका में अदालत को बताया गया है कि 7वीं जेपीएससी के लिए जो विज्ञापन निकाला गया है उसमें आरक्षण के प्रावधान का उल्लेख नहीं है. लेकिन जिस तरह से जेपीएससी ने पीटी का रिजल्ट जारी किया है उससे स्पष्ट होता है कि आरक्षण का लाभ दिया गया. याचिकाकर्ता ने पीटी परीक्षा को रद्द कर संशोधित रिजल्ट प्रकाशित करने की मांग की है.
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आरक्षण को लेकर पहले भी कोर्ट दे चुकी है आदेश
प्रार्थी के अधिवक्ता ने बताया कि इससे संबंधित मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व में दो आदेश भी पारित किया है. हाल ही में प्रार्थी गुलाम सादिक के मामले में 16 जून 2021 को हाई कोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि झारखंड सरकार के अनुसार जेपीएससी पीटी परीक्षा में आरक्षण देने की कोई नीति है. वहीं वर्ष 2015 में लक्ष्मण टोप्पो के मामले में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने कहा था कि पीटी परीक्षा में झारखंड सरकार की नीति आरक्षण देने की नहीं है. इसलिए कोर्ट आरक्षण देने का आदेश नहीं दे सकती है.
कैटेगरी वाइज रिजल्ट घोषित
याचिका में कहा गया है कि, 7वीं जेपीएससी की पीटी परीक्षा में कुल 4,244 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए चयनित हुए हैं. रिक्त पद के 15 गुणा अभ्यर्थियों के चयनित करने का नियम है, लेकिन जेपीएससी ने कैटेगरी वाइज परिणाम जारी किया है. इस परीक्षा में सामान्य वर्ग से कुल 758 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं. इसमें कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिनका चयन सामान्य कैटेगरी में हो गया है. लेकिन वे आरक्षित श्रेणी से आते हैं. इसका आधार उनका अंक सामान्य कैटेगरी से ज्यादा होना बताया गया है. प्रार्थी की ओर से 7वीं जेपीएससी की पीटी की परीक्षा को निरस्त कर संशोधित परिणाम जारी करने की मांग अदालत से की गई है.