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UG स्तर पर परफॉर्मिंग आर्ट्स पढ़ाने वाला पहला विश्वविद्यालय बना DSPMU, पहले सत्र में 25 सीट - डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय परफॉर्मिंग आर्ट-विजुअल आर्ट विषय में यूजी स्तर पर पाठ्यक्रम चलाने वाला राज्य का पहला विश्वविद्यालय बना है. इसी सत्र से इस विश्वविद्यालय में यह कोर्स शुरू हो रहा है और इस कोर्स को लेकर विद्यार्थियों का रुझान भी इस ओर दिख रहा है.

performing arts ug course to start in dspmu, परफॉर्मिंग आर्ट्स पढ़ाने वाला पहला विश्वविद्यालय बना DSPMU
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Published : Sep 5, 2020, 4:25 PM IST

रांचीः डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय हमेशा ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को लेकर प्रयासरत रहा है. एक बार फिर इस विश्वविद्यालय ने एक बेहतर प्रयास किया है. यह विश्वविद्यालय राज्य का पहला विश्वविद्यालय है जहां यूजी में फाइन आर्ट की पढ़ाई की शुरुआत इसी सत्र से हो रही है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी की मानें तो इस कोर्स को लेकर अभी से ही रेस्पॉन्स देखने को मिल रहा है.

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25 सीटे निर्धारित की गई

4 वर्षों के इस कोर्स के लिए पहले सेशन में 25 सीटे निर्धारित की गई है. अब तक लगभग 20 आवेदन अब तक आ चुके हैं. इसमें झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों के अभ्यर्थी भी है. गौरतलब है कि फाइन आर्ट्स की पढ़ाई रांची विश्वविद्यालय में पीजी स्तर पर पहले से संचालित हो रही है. लेकिन यूजी स्तर पर अब तक राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय में पढ़ाई नहीं हो रही है. ग्रेजुएट लेवल पर इस कोर्स की पढ़ाई होने से राज्य के विद्यार्थियों को काफी फायदा मिलेगा. वहीं इस कोर्स के संबंध में और भी कई जानकारियां धीरे-धीरे हासिल होगी. बता दें कि स्कूल के डिमांड महानगरों में काफी है बेहतर तरीके से स्कूल को कंप्लीट करने वाले विद्यार्थियों को जल्द ही रोजगार मुहैया हो जाता है इसलिए अन्य राज्य के विद्यार्थी फाइन आर्ट्स कोर्स करना चाहते हैं और इसी वजह से डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों ने भी नामांकन लेने को लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

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विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी ने कहा है कि इस विश्वविद्यालय में काफी गरीब तबके के विद्यार्थी पढ़ते हैं. इसे देखते हुए कोर्स फीस भी प्रति सेमेस्टर 6,000 रुपये रखा गया है, जो विद्यार्थी 6,000 भी नियमित तौर पर नहीं दे सकेंगे. उनके लिए स्टॉलमेंट की भी व्यवस्था की जाएगी. कुल मिलाकर कहें तो यह विश्वविद्यालय हमेशा ही विद्यार्थियों के हित में फैसला लेता रहा है. एक बार फिर विश्वविद्यालय ने इस कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए एक बेहतरीन निर्णय लिया है.

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