रांची: आमतौर पर हर मंदिर भक्तों की ओर से दान दिए गए राशि से संचालित होता है. लेकिन राजधानी रांची में एक मंदिर कोरोना महामारी के समय लोगों के लिए वरदान बन गया है. राजधानी रांची में एक ऐसा मंदिर है जहां से लॉकडाउन के प्रथम चरण से लेकर अब तक गरीब असहाय और जरूरतमंद लोगों को सहायता पहुंचाई जा रही है. ईटीवी भारत की टीम ने रांची के बड़ा तालाब के पास स्थित मां दुर्गा की मंदिर का जायजा लिया. जहां से लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है.
क्या है मंदिर की कहानीकोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन की अवधि लगातार बढ़ रही है. लॉकडाउन के पांचवें चरण की शुरुआत हो चुकी है. पांचवा चरण लोगों पर और भारी पड़ने वाला है. पहले चरण से लेकर चौथे चरण तक तो कुछ सामाजिक संस्थाएं बढ़-चढ़कर गरीबों की मदद के लिए आगे आते रहे, लेकिन धीरे-धीरे उनके हौसले भी पस्त हो गए. लेकिन राजधानी रांची के बड़ा तालाब के पास स्थित प्राचीन मां दुर्गा मंदिर से सहायता अभी भी जारी है. इस मंदिर में वे लोग भी सहायता पाते हैं जो किसी के सामने हाथ फैलाने में गुरेज करते हैं, लेकिन उनके घर में खाने के लिए अन्न का एक दाना भी नहीं होता है. लॉकडाउन के दौरान अधिकांश मंदिर बंद हैं. घरों में पूजा पाठ करवाने का कार्य भी बंद है. ऐसे में शहर के अधिकांश पूजा पाठ करके अपनी जीविका चलाने वाले पुजारियों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. लेकिन इस मंदिर से उन्हें लगातार सहायता दी जा रही है, ताकि उनकी जीविका भी चलती रहे.
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गुप्त दान और सामाजिक संगठनों के सहायता से चलता है मंदिर
रांची के बड़ा तालाब के पास स्थित मां दुर्गा का यह मंदिर राजधानी रांची में काफी प्रसिद्ध है. लॉकडाउन के दौरान जब मंदिरों के पट को बंद कर दिया गया, तब उस दौरान इसका बाहरी क्षेत्र लोगों के मदद के लिए खोल दिया गया और सोशल डिस्टेंस के तहत यहां पिछले 65 दिनों से लोगों की मदद की जा रही है. भाजपा नेता समाजसेवी राजीव रंजन बताते हैं कि इस मंदिर में सभी राजनीतिक पार्टियां सामाजिक संगठन अपने-अपने हिसाब से लोगों के मदद के लिए सामग्री देते हैं. यहां हर पार्टी और हर सामाजिक संगठन का भेजा हुआ सामग्री आपको मिल जाएगा, जो लोगों में बांटा जाता है.
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कंटेनमेंट जोन रहे हिंदपीढ़ी के बिल्कुल पास है मंदिर
दरअसल, यह मंदिर कंटेनमेंट जोन रहे हिंदपीढ़ी के बिल्कुल पास है. ऐसे में हिंदपीढ़ी के आसपास रहने वाले वैसे लोग जो प्रशासन के महामारी रोकने के लिए किए गए बंदिशों की वजह से अपने घरों से नहीं निकल पाए उन तक भी इस मंदिर से सहायता पहुंचाई गई. इस मंदिर से वैसे लोगों को भी सहायता दी गई जिनके पास सरकारी सहायता नहीं पहुंच पाई. यही वजह है कि यहां आने वाला हर शख्स खुशी खुशी यहां से घर लौटता है.