हजारीबाग: जिले में पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान में भारी गिरावट दर्ज किया गया है. ऐसे में हजारीबाग के लोगों का कहना है कि पुराने तमाम रिकॉर्ड ठंड ने तोड़ दिए हैं. ऐसे में हर एक आम और खास परेशान है. लेकिन सबसे अधिक किसी को परेशानी हो रही है तो वह है हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को. जिसका जायजा लिया हमारे संवाददाता गौरव प्रकाश ने.
ठंड से राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं
हजारीबाग में ठंड पड़ने के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. साथ ही साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल होने के कारण हजारीबाग और उसके आसपास के इलाकों से भी मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन अस्पताल प्रबंधन के पास ठंड से राहत देने के लिए कोई उपाय नहीं है.
जायजा लेते संवाददाता गौरव प्रकाश ये भी पढ़ें-अवैध संबंध के शक में ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, महिला और युवक को पेड़ से बांधकर पीटा
ठंड में ठिठुरने को मजबूर
आलम यह है कि अस्पताल प्रबंधन ने 7 से 8 कंबल मात्र हर एक वार्ड में दिए हैं. जबकि वार्डों में 30 से अधिक बेड हैं और सभी बेड फुल हैं. ऐसे में मरीजों को कंबल नहीं मिल पा रही है और उन्हें खुद से ही इंतजाम करना पड़ रहा है. दूरदराज इलाके से पहुंचे मरीजों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है. वे किसी तरह अपने मरीजों को तो गर्म कपड़ा मुहैया करा रहे हैं, लेकिन खुद ही ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं.
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अस्पताल प्रबंधन से उम्मीद
मेडिकल कॉलेज में ब्लोअर नाम की चीज भी नहीं है. जिसके कारण भी परिसर ठंडा है. ऐसे में मरीज के परिजनों ने भी जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन से यह उम्मीद जताया है कि ठंड को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, ताकि इस ठंड से राहत मिल सके.