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दस्तावेजों में सिमटी सुविधाएं! 20 साल से सिर्फ कागजों में ही एम्स की तर्ज पर सुविधा दे रहा रिम्स - Treatment of patients on the ground in RIMS

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीजों को कब मिलेगी एम्स की तर्ज पर सुविधा. सवाल बड़ा है लेकिन जवाब में सिर्फ वो दस्तावेज हैं जिसकी बिनाह पर 20 साल से कागजों में ही एम्स वाली सुविधा मरीजो को मिल रही है, पर हकीकत यही है कि यहां आज भी मरीजों इलाज जमीन पर ही होता है.

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रिम्स

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Published : Sep 9, 2021, 4:58 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 5:48 PM IST

रांचीः राज्य के सबसे बड़े अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajendra Institute of Medical Sciences) एम्स (AIIMS) की तर्ज का अस्पताल बताया जाता है. लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.

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साल 2002 में आरएमसीएच (RMCH) से बदलकर इस अस्पताल को एम्स (AIIMS) की तर्ज पर रिम्स (RIMS) बनाया गया. इसके लिए यहां के चिकित्साकर्मियों का वेतनमान भी एम्स की तर्ज पर दिया जा रहा है. इसके बावजूद भी हालात जस के तस हैं. कागजों में तो एम्स दिख रहा है, पर धरातल पर एम्स की कोई झलक इस अस्पताल में नहीं देखने को मिलती है.

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अस्पताल में इलाज कराने आई गंगा देवी बताती हैं कि भले ही इस अस्पताल को एम्स की तर्ज का अस्पताल कहा जाए, पर यहां पर सुविधाएं साधारण अस्पताल की तरह भी नहीं है. मरीजों से जब हमने बात की तो कई मरीजों ने बताया कि बुनियादी सुविधा तक अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. यहां मरीज को बेड, पानी और दवा तक तक उपलब्ध नहीं हो पाती है.वार्ड में कई कई बार नर्स और एएनएम की कमी की वजह से मरीजों को सही समय पर दवा उपलब्ध नहीं हो पाता है. जिस कारण मरीजों को दवा लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. कभी-कभी तो स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी की वजह से समय पर दवा नहीं मिलने की वजह से मरीज की मौत भी हो जाती है. सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों की कमी ही नहीं बल्कि बारिश के समय में रिम्स के विभिन्न वार्डों में पानी घुस जाता है और उनकी निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है.

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इसको लेकर रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. डीके सिन्हा ने बताया कि रिम्स अस्पताल अभी-भी आरएमसीएच की पुरानी भवनों में ही संचालित हो रहा है और मरीज की संख्या भी दिन-रात बढ़ती जा रही है. जिस वजह से कई तरह की समस्याएं आना स्वाभाविक है, इसीलिए जरूरी है कि जल्द से जल्द नए भवन का निर्माण हो. उन्होंने कहा कि रिम्स के नए निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद इसको लेकर संवेदनशील हैं और जल्द से जल्द पुराने भवनों की जगह नए भवन का निर्माण किया जाएगा, जिससे यहां इलाज कराने आए लोगों को राहत जरूर मिलेगी.

Last Updated : Sep 9, 2021, 5:48 PM IST

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