रांचीःफिल्मी दुनिया के बाबू भाई यानी परेश रावल भी इन दिनों झारखंड के साइबर अपराधियों से परेशान हो गए हैं. परेश रावल ने ट्विटर पर ट्वीट कर रांची पुलिस से इस मामले में मदद मांगी है
क्या है पूरा मामला
फिल्म हेरा-फेरी के बाबू भैया सहित कई फिल्मों में बड़े किरदार निभा चुके परेश रावल से साइबर फ्रॉड की कोशिश की गई है. उन्हें एक साइबर अपराधी बार-बार कॉल कर गूगल पे पर कैशबैक मिलने की जानकारी देकर मनी रिक्वेस्ट भेज रहा है. इसे लेकर परेश रावल ने सोशल साइट ट्विटर के जरिए रांची पुलिस से गुहार लगाई है, जिसमें पुलिस को जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की है.
बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल भी झारखंड के साइबर अपराधियों के चक्कर में फंसे, पुलिस से मांगी मदद
बॉलीवुड हस्ती परेश रावल यानी चर्चित बाबू भाई इन दिनों झारखंड के साइबर अपराधियों के शिकार हो गए हैं. मामले में रावल ने ट्वीट कर रांची पुलिस से इसे लेकर मदद मांगी है.
इसके साथ ही संबंधित साइबर फ्रॉड से बातचीत का ऑडियो भी उपलब्ध कराने की बात कही है. परेश रावल के ट्विवीट के बाद से ही रांची पुलिस सक्रिय हो गई. रांची पुलिस की साइबर सेल और तकनीकी सेल ने कॉल करने वाले नंबर का पता लगाना शुरू कर कर दिया है. शुरुआती जांच में नंबर झारखंड राज्य के देवघर जिले का निकला है. उसका लोकेशन पश्चिम बंगाल के 24 परगना का मिला है. पुलिस ने संबंधित साइबर फ्रॉड की तलाश शुरू कर दी है.
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क्या लिखा है ट्विटर पर
परेश रावल ने अपने ट़्विटर वॉल पर रांची पुलिस और रांची डीसी को ट्विवीट करते हुए लिखा कि यह नंबर 9002214675 कॉल कर रहा है और बता रहा है कि उन्हें गूगल पे में कैशबैक मिला है और फिर मनी रिक्वेस्ट भेजता है. कृपया कड़ी कार्रवाई करें. मेरे पास कॉल की ऑडियो क्लिप भी है, आप चाहें तो प्रदान कर सकते हैं.
क्रेडिट मैसेज भेजकर खाते में चूना लगाने का खेल
साइबर अपराधी अलग-अलग हथकंडे अपनाकर लगातार खातों में सेंध लगा रहे हैं. अब साइबर अपराधी क्रेडिट एसएमएस भेजकर खातों से रुपये उड़ा रहे हैं. इसके लिए वे बल्क मैसेजिंग ऐप का दुरुपयोग कर रहे हैं. इजास ऐप के माध्यम से एक साथ सैकड़ों लोगों को मैसेज भेजा जा रहा. इस ऐप के जरिए भेजा गया मैसेज ठीक वैसा रहता है, जैसे संबंधित कंपनी ने भेजा हो. ये बैंक के नाम, पेटीएम, गूगल पे सहित अन्य वॉलेट कंपनियों के नाम के मैसेज भेजे जाते हैं. ये मैसेज कोडेड होते हैं, उसमें क्लिक करते ही खाते में सेंध लग जाती है. इसके लिए साइबर अपराधी बल्क मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करते हैं.