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शिक्षा मंत्री पर लोगों को बरगलाने का आरोप, अभिभावक संघ ने कहा- स्कूलों के खिलाफ एक्शन लेने में असमर्थ है सरकार

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Published : Aug 20, 2021, 4:16 PM IST

Updated : Aug 21, 2021, 11:19 AM IST

कोरोना काल में पढ़ाई का तरीका बदल गया है. स्कूल की जगह ऑन लाइन क्लास ने ले ली है. इसी बीच झारखंड सरकार ने भी सभी स्कूलों को निर्देश दिया कि अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही लें. लेकिन कई स्कूल ऐसे हैं जो सरकार के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में अभिभावक संघ ने अधिकारियों सहित शिक्षा मंत्री से भी शिकायत की थी. जिसके बाद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि अधिक फीस वसूल करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई होगी. हालांकि अभिभावक संघ ने शिक्षा मंत्री पर लोगों को बरगलाने का आरोप लगाया है.

Parents Association accused Education Minister Jagarnath Mahto
Parents Association accused Education Minister Jagarnath Mahto

रांची:शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने अभिभावकों को आश्वासन देते हुए कहा है कि जल्द ही एक नया कानून बनाकर अभिभावकों के हित में फैसला लिया जाएगा और अधिक फीस वसूली करने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई होगी. लेकिन उनके इस बयान की आलोचना हो रही है. झारखंड अभिभावक संघ ने शिक्षा मंत्री पर अभिभावकों को बरगलाने का आरोप लगाया गया है.


ये भी पढ़ें:सरकार पर हावी निजी स्कूल! अभिभावकों पर बना रहे फीस जमा करने का दबाव

कोरोना महामारी के मद्देनजर तमाम शिक्षण संस्थान बंद हैं. सरकारी स्कूलों के साथ-साथ निजी स्कूल भी ऑनलाइन ही संचालित हो रहे हैं. इसके बावजूद राज्य में ऐसे कई निजी स्कूल हैं जो ऑफलाइन कक्षाओं की तरह ही विभिन्न मदों में फीस की वसूली करना चाहते हैं. जबकि सरकार ने ऐसे निजी स्कूलों को बार-बार निर्देश दिया है कि वे अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस ही ले. इसके बावजूद निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस वसूली में लगे हुए हैं. मामले को लेकर बार-बार अभिभावकों ने पदाधिकारियों और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से गुहार लगाई है. इसी कड़ी में 2 दिन पूर्व शिक्षा मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि स्कूल फीस से संबंधित एक नया कानून बनाया जा रहा है. इस कानून का पालन नहीं करने वाले निजी स्कूलों पर राज्य में कार्रवाई होगी. उनके इस बयान की आलोचना हो रही है झारखंड अभिभावक संघ ने कहा है कि शिक्षा मंत्री का यह बयान राज्य के अभिभावकों को बरगलाने का प्रयास है.

देखिए वीडियो

अभिभावकों की पीड़ा समझें शिक्षा मंत्री
अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि 2019 से प्रभाव में आए झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को प्रभावी बनाने की दिशा में सरकार क्या पहल कर रही है. इस विषय में शिक्षा मंत्री को बोलना चाहिए था. अभिभावकों को झूठा आश्वासन देकर शिक्षा मंत्री उन्हें गुमराह कर रहे हैं. क्योंकि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 पहले से ही लागू है. जिसमें जिले के सभी जनप्रतिनिधियों को शुल्क निर्धारण कमेटी में भी रखा गया है. नया कानून बनाने की जरूरत ही नहीं है. लगातार पेरेंट्स की ओर से ज्ञापन दिया जा रहा है. लेकिन शिक्षा मंत्री का इस ओर ध्यान नहीं है. अजय राय ने कहा कि शिक्षा मंत्री बयानबाजी ना करें बल्कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को प्रभावी बनाने की दिशा में पहल करें.

शुल्क निर्धारण कमेटी का हो चुका है गठन नहीं हो रही है कार्रवाई
राजधानी रांची में जिला शुल्क निर्धारण कमेटी का गठन 2 महीने पहले ही कर लिया गया है. लेकिन डीसी की ओर से अब तक इसे लेकर एक भी बैठक नहीं हुई है. इधर, रांची के सैकड़ों अभिभावकों ने इस संबंध में कई शिकायत पत्र उपायुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी दिया है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई है. लगातार अभिभावक निजी स्कूलों के मनमानी रवैया से परेशान हैं.

Last Updated : Aug 21, 2021, 11:19 AM IST

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