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पारा शिक्षकों ने झारखंड सरकार को दिया 14 नवंबर तक का अल्टीमेटम, स्वास्थ्य मंत्री के बयान से NHM कर्मी भी हुए लाल

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Published : Oct 26, 2021, 10:13 PM IST

झारखंड में एक बार फिर पारा शिक्षक आंदोलन के मूड में हैं. उन्होंने मांग पूरी करने के लिए सरकार को 14 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं की तो राज्य के 65000 पारा शिक्षक रांची में डेरा डालेंगे. वहीं राज्य में NHM कर्मियों की हड़ताल जारी है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर नाराजगी जताते हुए मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है.

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झारखंड में हड़ताल

रांची:झारखंड के पारा शिक्षक एक बार फिर आंदोलन के मूड में हैं. स्थायीकरण और वेतनमान को लेकर पारा शिक्षकों के समर्थन में बातें तो लगातार की जा रही है. लेकिन इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इस लेकर खफा होकर पारा शिक्षकों ने सरकार को आंदोलन करने का अल्टीमेटम दिया है.

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पारा शिक्षकों को शिक्षा मंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया है कि उन्हें बिहार के तर्ज पर नियमित किया जाएगा और वेतनमान भी दिया जाएगा. बिहार के नियमावली का अध्ययन करते हुए ही उनके लिए नियमावली तैयार किया जा रहा है. लेकिन एक बार फिर पारा शिक्षकों को लग रहा है कि राज्य सरकार, शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री उन्हें छल रहे हैं. पारा शिक्षकों का कहना है कि पिछले 2 साल से राज्य सरकार से बिहार राज्य के तर्ज पर वेतनमान देने की मांग की जा रही है. लेकिन सरकार ने कोई पहल नहीं की है. पारा शिक्षक संघ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि 14 नवंबर तक वेतनमान नहीं मिला तो झारखंड के 65000 पारा शिक्षक रांची में एक बार फिर डेरा डालेंगे.

NHM कर्मियों की हड़ताल जारी


वहीं अपने स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ज्वाला प्रसाद की बर्खास्तगी रद्द करने करने, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा NHM कर्मियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर 16 दिनों से राज्यभर के NHM कर्मी हड़ताल पर हैं. जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई योजनाओं का क्रियान्वयन रुक गया है. ऐसे में आंदोलित NHM कर्मियों के बीच स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के बयान ने आग में घी डालने का काम किया है.

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क्या कहा था मंत्री बन्ना गुप्ता ने

एक सवाल के जवाब में बन्ना गुप्ता ने कहा था कि एक आदमी की बर्खास्तगी वापस लेने के लिए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था को बेपटरी कर देना ठीक नहीं है. इसलिए कर्मियों को काम पर लौट आना चाहिए. मंत्री ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि उनके पास और भी रास्ते हैं. एडवरटाइजमेंट निकालकर नई नियुक्ति भी की जा सकती है. स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद आंदोलित कर्मी और आक्रोशित हो गए हैं.

झारखंड हेल्थ एम्प्लाई वेलफेयर एसोसिएशन ने की आपात बैठक

स्वास्थ्य मंत्री के बयान के बाद अनुबंधित NHM कर्मियों ने आपात बैठक की और स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर रोष जताते हुए कार्य बहिष्कार को और उग्र करने का फैसला लिया. बैठक में कहा गया कि एक ओर सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन ने साल 2021 को नियुक्ति वर्ष मनाने और बेरोजगारों को नौकरी देने का फैसला किया है, तो दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री के बोल धमकी भरे हैं. कर्मियों ने स्वास्थ्य मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए यह फैसला लिया कि ज्वाला प्रसाद की बर्खास्तगी आदेश वापस लेने और सेवा नियमितीकरण करने तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा.

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एएनएम-जीएनएम प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर को सौंपा ज्ञापन

वहीं एक तरह जहां NHM कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं, तो झारखंड राज्य अनुबंधित एएनएम-जीएनएम संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर से मुलाकात की. उन्होंने दो सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. मीरा कुमारी ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से अनुबंध पर महज 15 हजार के मानदेय पर हम सब काम कर रहे हैं. सरकार हम अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करते हुए समान काम समान वेतन दें.

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