झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / city

जलपुरुष की आंखों से बह रही 'जलधारा', तंगहाली में पद्मश्री सिमोन उरांव

जल, जंगल, जमीन और सामाजिक क्षेत्रों में किए गए कार्यों के लिए पद्मश्री सिमोन उरांव को केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही कई सामाजिक संस्थाओं ने सम्मानित किया है, लेकिन वह आज आर्थिक तंगी में जीवन गुजारने को मजबूर हैं.

By

Published : Jan 5, 2020, 12:48 PM IST

Padmashree Simon Oraon, Waterman of Jharkhand, Simon Baba, Padmashree Simone Oraon news, history of Padmashree Simon Oraon, news of Hemant Sarkar, news of Jharkhand, पद्मश्री सिमोन उरांव, पद्मश्री सिमोन उरांव की खबर, पद्मश्री सिमोन उरांव का इतिहास, हेमंत सरकार की खबर, झारखंड की खबरें
पद्मश्री सिमोन उरांव

बेड़ो, रांची: जल-जंगल-जमीन और सामाजिक क्षेत्रों में किए गए कार्यों के लिए पद्मश्री सिमोन उरांव को केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और सामाजिक संस्थाओं ने कई अवॉर्ड, मेडलों और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया. पद्मश्री सिमोन उरांव आज आर्थिक रूप से तंगहाली में जीवन गुजार रहे हैं. सिमोन उरांव की दो पोतियां दूसरे के घरों में काम कर रही हैं. उनकी पढ़ाई भी छुट गई है.

देखें पूरी खबर

जल, जंगल और जमीन बाबा की उपाधि
बेड़ो प्रखंड के खक्सी टोली गांव निवासी 83 वर्षीय पद्मश्री सिमोन उरांव ने वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए कई बांध, तालाब, कुआं और नहर बनाए हैं. बारिश के पानी से सिंचाई का उपयोग किया. जिससे उन्हें जलपुरुष की उपाधि मिली. वहीं वन संरक्षण के लिए वन सुरक्षा समिति बनाई और एक पेड़ काटो तो दस पेड़ लगाओ का नारा दिया. जिसे इन्हें जल, जंगल और जमीन बाबा की उपाधि भी मिली, वहीं समाजिक क्षेत्र में किए गए कार्यों के लिए इन्हें 12 पाड़हा राजा बनाया गया.

ये भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल की कीमत घर के बजट को कर रहा प्रभावित, जानें पलामू की जनता क्या कह रही

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं
पद्मश्री सिमोन उरांव बताते हैं कि परिवार का भरण पोषण जड़ी-बूटी से दवा बनाकर होता है. जंगल से लाए गए जड़ी-बूटियों से कई तरह की दवा बनाते हैं. उनके पास तरह के रोगी दूर-दूर से आते हैं. पद्मश्री सिमोन उरांव दवा के बदले पैसों की मांग भी नहीं करते हैं, जो मिला वही रख लेते हैं. वे कहते हैं कि उन्होंने आज तक किसी से कुछ नहीं मांगा है. उनकी एक ही सोच है सबकी सुखी में ही उनकी खुशी. बार-बार पूछने पर वे कहते हैं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पोती की पढ़ाई छुट गई है, आज नहीं तो कल पढ़ेगी.

'अब बूढ़े हो चले हैं'
वहीं, पत्नी विरजिनिया उरांव सिमोन की पत्नी विरजिनिया उरांव कहती हैं कि उन्हें वृद्धा पेंशन मिलता है जो घरेलू खर्च में निकल जाता है, वो कहती हैं अब वह बूढ़े हो चले हैं, उनके पति ने सबके लिए किया अब सरकार को उनके लिए कुछ करना चाहिए.

ये भी पढ़ें-दूसरी जगह शादी तय होने पर प्रेमी जोड़े ने की खुदकुशी, सल्फास खाकर दी जान

'सरकार को भी इनके लिए कुछ करना चाहिए'
इधर, पंचायत के मुखिया सुनील कच्छप बताते हैं कि पद्मश्री सिमोन उरांव ने जल संचय और जंगल संरक्षण के लिए मार्गदर्शन का काम किए हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आ रही है, लेकिन आज हमारे पद्मश्री की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, सरकार को भी इनके लिए कुछ करना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details