रांचीः झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार है. हालत यह है कि राजधानी रांची सहित राज्य के कई जिलों में अभी तक धान क्रय शुरू भी नहीं हो पाई है. 2 जनवरी तक राज्यभर में 3 लाख 45 हजार 927 क्विंटल ही धान खरीदी गयी है. जबकि इस वर्ष धान खरीद का लक्ष्य 80 लाख क्विंटल का है. राज्य में 64 हजार 856 निबंधित किसानों को एमएसपी पर धान बेचने के लिए मैसेज किया है, जिसमें 6 हजार 936 किसानों ने धान बेचा है.
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झारखंड में धान खरीद की धीमी रफ्तार के पीछे ये है वजह
15 दिसंबर से निर्धारित दर पर झारखंड में धान खरीद की शुरुआत हुई है. सरकार ने इस वर्ष हर प्रखंडों में स्थित लैम्प्स में 562 धान क्रय केंद्र बनाया है. राज्य सरकार ने साधारण धान का मूल्य 2050 और ग्रेड ए धान की कीमत 2070 रुपया निर्धारित किया है. इस बार सरकार ने धान प्राप्त करने के वक्त ही 50% भुगतान करने का निर्णय लिया है. इसके बाद शेष राशि 3 महीने के अंदर भुगतान की जाएगी.
राजधानी रांची के नामकुम से हुई शुरुआत के बाद किसानों ने धान बेचना शुरू किया लेकिन एक-दो दिन बाद यह रफ्तार धीमी पड़ गयी है. हालत यह है कि राजधानी के तमाड़, बुंडू जैसे इलाके में 15 दिन बीतने के बाद भी धान खरीद की शुरुआत नहीं हुई है. धान बेचने में किसानों की उदासीनता के पीछे का वजह बेमौसम हुई बारिश के कारण धान का गीला होना और सरकार के द्वारा पैसे के भुगतान में होने वाली देरी माना जा रहा है.