रांची: स्वच्छ और सुंदर राजधानी बनाने का निगम का दावा उस समय बेमानी नजर आता है जब कचरे से शहर के गली मोहल्ले पटे हो और उसकी चिंता नगर विकास विभाग और निगम को ना हो. शहर के कई वार्डों में नारकीय स्थिति बनी हुई है. इसे लेकर निगम गंभीर नहीं दिख रहा है. ऐसे में कांग्रेस ने मंत्री और बीजेपी समर्थित मेयर और डिप्टी मेयर पर जमकर हमला बोला है.
जब विभागीय मंत्री ने इस पर दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि विपक्ष षड्यंत्र के तहत सत्ताधारी दल को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है. दरअसल, रांची में नगर विकास विभाग द्वारा कई योजनाओं को धरातल पर लाने की कवायद चल रही है. लेकिन कई ऐसी योजनाएं भी हैं, जो धरातल पर आने के बाद भी सफल साबित नहीं हुए हैं. इसका ताजा उदाहरण अटल स्मृति वेंडर मार्केट को कहा जा सकता है. जिसके उद्घाटन के 5 महीने बीतने के बाद भी वहां दुकाने नहीं सजी हैं.
ऐसे ही करोड़ों की लागत से बने शहर के इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का भी हाल हुआ. जिसका वर्षों पहले उद्घाटन तो हुआ. लेकिन शवदाह गृह शुरू नहीं होने की वजह से कबाड़ में तब्दील हो गया है. वहीं, स्वच्छता को लेकर निगम के अभियान की पोल उस समय खुल जाती है. जब शहर के गली मोहल्लों में कचरों का अंबार नजार आता है. उदाहरण के तौर पर अगर वार्ड नंबर 28 के इलाके को देखे तो वहां की स्थिति नारकीय बनी हुई है, जहां कभी भी महामारी की चपेट में लोग आ सकते हैं. शहर में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा हुआ है.
शहर के इन मुद्दों को लेकर विपक्ष की कांग्रेस पार्टी लगातार नगर विकास विभाग के मंत्री समेत मेयर और डिप्टी मेयर पर निशाना साध रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक दुबे ने इस बाबत कहा कि मेयर और डिप्टी मेयर को शहर की साफ सफाई और निगम का लाभ लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए. इसकी चिंता नहीं है बल्कि वह राजनीति में ज्यादा व्यस्त रहते हैं.